Uncategorized

सिलगेर में फिर विशाल रैली की तैयारी! आखिर क्यों सुरक्षाबलों के कैम्प का विरोध कर रहें हैं ग्रामीण?

सुकमा| सुकमा जिले के सिलगेर में स्थापित सुरक्षाबलों के कैंप का विरोध कर रहे ग्रामीण भले ही वापस अपने घर लौट गए हैं, लेकिन कैंप हटाने को लेकर उनकी मांग अभी पूरी नहीं हुई है। कैंप के विरोध में एक बड़े आंदोलन में ग्रामीणों की भीड़ की फिर से देखने को मिली है। सिलगेर में बड़ी संख्या में आसपास और दूर-दराज के गांव के ग्रामीण फिर से इकट्ठे होने लगे हैं।

READ MROE: कोरोना वैक्सीनेशन के प्रथम डोज का सर्टिफिकेट लेने ‘CG Teeka’ पोर्टल चालू

जानकारी के मुताबिक 27 जून को यह भीड़ एक बड़ी रैली और धरना करने जा रही है। इसके अलावा 28 जून को सारकेनगुड़ा में जनसभा की भी बात कही जा रही है। फिलहाल यह रैली कितनी बड़ी होगी इसका स्वरूप क्या होगा यह अभी तक तय नहीं है|

READ MROE: जन्मी दुर्लभ बच्चीः अस्पताल में छोड़ फरार हुए माता-पिता, क्या है ऐसा खास?

आन्दोलन में राजनितिक रूप

सिलगेर मामले पर बस्तर सांसद दीपक बैज ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि ग्रामीणों के द्वारा किए जा रहे किसी आंदोलन में सरकार प्रत्यक्ष रूप से सीधे उनके पास पहुंची और बात की है। भाजपा की सरकार में ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं होती थी।

READ MROE: छत्तीसगढ़ में हावी हुआ मानसून! सभी जिलों में भारी बारिश के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

सांसद ने कहा कि छतीसगढ़ की जनता ने पिछले 15 सालों की बीजेपी की सरकार भी देखी है, और ढाई साल के कांग्रेस की सरकार भी। भाजपा के शासनकाल में भी कई पुलिस कैंपो का विरोध हुआ, लेकिन सरकार का कोई भी प्रतिनिधिमंडल या फिर कोई भी नेता आंदोलनरत ग्रामीणों की बात सुनने उन तक नहीं पहुंचा। लेकिन सिलगेर में ग्रामीणों के आंदोलन को देखते हुए सरकार खुद ग्रामीणों की बात सुनने गई।

READ MROE: छत्तीसगढ़: Facebook पर शादीशुदा महिला को किया प्रपोज, मना करने पर उठाया ये कदम, पहुंचा सलाखों के पीछे

कब हुई आन्दोलन की शुरुआत?

सिलगेर में 12 मई को सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया था। वहीं 13 मई की सुबह से ही यहां कैंप को हटाने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण जुट गए थे। इस बीच सुरक्षाबलों और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी।

READ MROE: कई मुठभेड़ से बच निकला था ये नक्सली नेता, इलाज के अभाव से बीहड़ जंगल में तोडा दम

वहीँ पुलिस की गोली लगने से 3 लोगों की मौत व भगदड़ में एक गर्भवती महिला की मौत हुई थी। सरकार से लगातार हो रही बातचीत व कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए 28 दिन बाद ग्रामीण वापस घर लौट गए थे।

READ MROE: WTC FINAL: आज मिलेगा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का विजेता, ‘रिजर्व-डे’ करेगा फैसला, जानिए कैसा रहेगा मौसम

ग्रामीणों की माँग होगी पूरी?

सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया कि इलाके के विकास को ध्यान में रखते हुए सड़क निर्माण की सुरक्षा हेतु कैम्पो को लगाया गया है इसे नहीं हटाया जाएगा। बरहाल किसान क्षतिपूर्ति पर विचार किया जा सकता है बता दें की कुछ मांगों को सरकार ने सीधे तौर पर स्वीकार कर ली लेकिन सभी मांगे पूरी ना होने की वजह से एक बार फिर से ग्रामीणों का हुजूम फिर से आंदोलन स्थल में वापसी कर रहा है।

READ MROE: बड़ी खबर: जम्मू-कश्मीर में 135 करोड़ की 27 किलो हेरोइन जब्त, एक तस्कर ढेर

माना जा रहा है किसिलगेर से धीरे-धीरे ग्रामीण एकत्रित होकर 27 या 28 जून को सारकेगुड़ा पहुंचेंगे। वहीं कुछ इलाके के स्थानीय बताते हैं कि ग्रामीणों की यह भीड़ 28 जून तक बढ़ती चली जाएगी । 28 को सारकेगुड़ा में पूरी भीड़ एक विशाल जनसभा में परिवर्तित हो जाएगी।

READ MROE: बड़ी खबर: डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट देश में ला सकता है तीसरी लहर, इन राज्यों में बढ़ रहा खौफ

बस्तर IG सुंदरराज पी का कहना है कि नक्सलियों के द्वारा ग्रामीणों को जबरदस्ती कैंप के विरोध में भेजा जा रहा है। अगर ग्रामीण जाने से मना करते हैं या तबीयत खराब होने की बात कहते हैं, तो उन पर 500 से 2000 तक का जुर्माना नक्सलियों के द्वारा लगाया जा रहा है।

READ MROE: हाईकोर्ट ने कहा- छत्तीसगढ़ में कोई स्मार्ट सिटी नहीं

पुलिस के द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है। लोकल प्रशासन और पुलिस के द्वारा ग्रामीणों को समझाइश देकर वापस भेजने की कोशिश की जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button