हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिला अस्पताल में एक असामान्य बच्ची पैदा हुई है। बच्ची के दाेनाें पैर घुटने से उल्टे हैं, पीठ की तरफ पंजे हैं। चिकित्सक इसे दुर्लभ मामला मान रहे हैं। उसका वजन सामान्य बच्चाें से कम 1 किलो 600 है। उसे एसएनसीयू में एडमिट कराया है। दुख की बात है कि उसके माता-पिता उसे अस्पताल में ही छोड़कर चले गए। लेकिन 36 घंटे बाद वे वापस अस्पताल पहुंच गए।
खिरकिया ब्लाॅक के झांझरी निवासी विक्रम की पत्नी पप्पी की डिलीवरी साेमवार दाेपहर 12 बजे हुई। उसने बेटी काे जन्म दिया। डिलीवरी सामान्य थी। जन्म के समय से ही बच्ची के दाेनाें पैर उल्टे थे। शिशु राेग विशेषज्ञ डाॅ. सनी जुनेजा ने बताया 5 साल के कॅरियर में अब तक ऐसा केस नहीं आया।
इंदाैर- भाेपाल के शिशु राेग विशेषज्ञाें और हड्डी राेग विशेषज्ञाें से भी चर्चा की। उनका कहना है कि यह मामला रेयर है। बच्ची का वजन 1 किलाे 600 ग्राम है। आमतौर पर बच्चाें का वजन 2 किलाे 700 ग्राम से 3 किलाे 200 ग्राम था। जन्म के पश्चात् बच्ची के माता-पिता तथा परिवार वाले गायब हाे गए। उसे एसएनसीयू में एडमिट कराया है। फिलहाल बच्ची चिकित्सकों की निगरानी में है, वह खतरे से बाहर है।
डॉक्टर ने बताया बच्ची के माता-पिता हॉस्पिटल में कहीं नहीं मिल रहे थे। मंगलवार काे भी अस्पताल परिसर में माता-पिता की तलाश की गई। माइक से अनाउंसमेंट भी कराई मगर पता नहीं चला। उधर, मीडिया में खबर आने और मामले में पुलिस की मदद लेने की बात सामने आने के बाद रात करीब 12 बजे नवजात की दादी मुनिया बाई, मां पप्पी और पिता विक्रम अस्पताल पहुंचे। उनका कहना था कि हम यहां से कहीं गए ही नहीं।
डॉक्टरों का कहना है कि यह रोग बच्चे में मां के गर्भ में कम स्थान होने के कारण या अनुवांशिक हो सकती है। इस प्रकार के केस लाखों में मुश्किल से होते हैं। ऑपरेशन के पश्चात् घुटनों को सीधा किया जा सकता है। इलाज जारी है, हड्डी रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बच्ची की जांच रिपोर्ट सामने के बाद उचित तरीके से इलाज किया जाएगा।
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