नई दिल्ली। हमारे मन में अक्सर एक सवाल उठता है कि क्या कोई व्यक्ति मौत के बाद फिर से जिंदा हो सकता है? और क्या फिर से उसका दिला धड़क सकता है? हम सबका जानते हैं कि कोई भी जीव मरने के बाद वापस जिंदा नहीं होता किंतु दूसरी ओर देश-विदेश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें व्यक्ति मृत्यु के बाद भी जिंदा हुआ है। केवल यही नहीं वैज्ञानिकों ने अपनी मेडिकल रिपोर्ट्स में भी उनको मृत घोषित कर दिया था। ऐसे में हर किसी के मन में यह जानने की इच्छा होती है कि क्या वास्तव में कोई व्यक्ती मरने के बाद भी वापस जिंदा हो सकता है या फिर नहीं?
मृत शरीर को करवाया फ्रीज
इसी क्रम में हम आपको एक ऐसे वैज्ञानिक रिसर्च के बारे में बताने वाले हैं जिसमें विगत आधी सदी से कुछ लोगों ने अपने मृत शरीर को क्रायोजेनिक टैंकर में फ्रीज करवा रखा है सिर्फ इसलिए ताकि शायद वे दोबारा मौत के बाद जिंदगी देख पाएं। लेकिन इस रिसर्च से पहले आपको यह जानना होगा कि आखिर हम जिंदा हैं तो कैसे?
जानिए क्यों हो जाती है मौत
इंसान की जिंदगी कोशिकाओं के फंक्शन्स पर निर्भर होता है। इन कोशिकाओं के भीतर कई तरह के केमिकल रिएक्शन्स होते हैं। इन रिएक्शन्स में एटीपी नाम के ऊर्जा का बहुत महत्व होता है। हमारी बॉडी के सेल्स इसी एटीपी की ऊर्जा का प्रयोग अपने ग्रोथ, रिप्रोडक्शन और रिपेयरिंग के लिए करते हैं। जब कोशिकाएं एंट्रॉपी के कारण कमजोर पड़ने लगती हैं, तो शरीर काफी कमजोर होने लगता है और शारीरिक कार्यप्रणाली ठप पड़ जाती है। इस वजह से हमारी मौत हो जाती है। हमारी मौत का कारण कोशिकाओं के कमजोर होने से जुड़ा हुआ होता है क्योकि जैसे ही ये कमजोर होते हैं, शरीर की जटिल प्रक्रिया भी रुक जाती है।
क्रायोजेनिक टैंकर में बॉडी को किया जा रहा है स्टोर
इंसान की मौत की वजह उसकी कोशिका से जुड़ी हुई है। तो ऐसे में अब कुछ लोग मौत के बाद दोबारा जिंदा होने की उम्मीद में अपनी बॉडी को क्रायोजेनिक टैंकर में स्टोर करवा रहे हैं। यह इसलिए ताकि शायद भविष्य में कभी उन्हें जिंदा किया जा सके। क्रायोजेनिक टैंकर एक ऐसा टैंकर है जिसमें व्यक्ति के शरीर के भीतर की कोशिकाएं फ्रीज हो जाती हैं। अगर अब आने वाले समय में कोई नई खोज विकसित की जाती है जो कि नैनोबॉट्स की मदद से उनकी कोशिकाओं को फिर से ठीक कर सके, तो शायद आने वाले समय में उन्हें पुनर्जीवित भी किया जा सकेगा।
विज्ञान भी मृत शरीर के दोबारा जीवित होने को लेकर संभावनाओं की तलाश करता है। वैज्ञानिकों द्वारा आशंका अवश्य लगाई जा सकती है कि भविष्य में कुछ ऐसा अविष्कार हो जाए जो रुके हुए शरीर को फिर से कायम करके उसे फिर से जीवित कर सके।
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