AdityaTripadhi :- पिछले दिनों सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए Chhattisgarh PSC ने परीक्षाएं आयोजित की थी। जिसमे लिखित पेपर के बाद परीक्षार्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा द्वारा इस पर कई गंभीर आरोप लगाएं गए हैं। दरसल बीजेपी के मंत्री और पूर्व कलेक्टर O P चौधरी ने PSC की भर्ती प्रक्रिया पर कहा कि, पहले तो अनुपस्थित छात्रों को इंटरव्यू में बुलाया गया, उसके बाद अब-जब खुलासा हो रहा है, तो स्वतंत्र जांच के बजाएं PSC खुद को क्लीन चीट देने में लगी हुई है।
BJP नेताओं ने प्रेसवार्ता में बताया कि वीरेंद्र कुमार पटेल नाम के एक परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र में उनके पीछे की सीट के Roll Number वाला अभ्यर्थी परीक्षा में अनुपस्थित था। अब उस Roll Number वाले को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है। BJP नेताओं ने कहा, यह आरोप कई आशंकाओं को जन्म दे रहा है।
भाजपा नेताओं ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए, परीक्षा में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। जिसकी वजह परीक्षा केन्द्रों की वीडियोग्राफी न करवाना बताई जा रही हैं।
इन बिंदुओं में गड़बड़ी के आसार
1. असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में अलग-अलग विषयों से कुल 105 प्रश्नों को विलोपित किया गया है। कई लोगों ने आरोप लगाया है, दर्जन भर प्रामाणिक रिफरेंस को आयोग ने नजरअंदाज किया गया। नहीं तो विलोपित प्रश्नों की संख्या 200 से अधिक हो सकती थी।
2. सहायक संचालक – कृषि भर्ती परीक्षा में 150 में से 14 प्रश्नों को विलोपित किया गया।
3. असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में पूछा गया था कि तातापानी कहां हैं? मॉडल उत्तर में सूरजपुर बताया गया। जबकि छत्तीसगढ़ के बच्चे-बच्चे को पता है कि तातापानी बलरामपुर जिले में है। ऐसी गलती करने वाले तथाकथित विशेषज्ञ का नाम सार्वजनिक किया जाए।
4. UPSC सहित कई राज्यों की PSC परीक्षाओं के वार्षिक कैलेंडर जारी करती है। यहां छत्तीसगढ़ PSC में कोई कैलेंडर नहीं है। 2019 की सिविल सेवा परीक्षा के मेन्स की तारीख नहीं आई, लेकिन प्रीलिम्स-2020 की तारीख घोषित हो गई है। अभ्यर्थी प्रीलिम्स की तैयारी करे या मेन्स की?
5. वन विभाग से संबंधित एसीएफ और रेंजर के लगभग 178 पदों के विज्ञापन में परीक्षाओं का अता-पता ही नहीं है। कैलेंडर नहीं होने के कारण ही यह सब स्थितियां निर्मित हो रही हैं।