छत्तीसगढ़ में एक याचिकाकर्ता ने सुरक्षा बलों के हाथों 17 आदिवासियों की हत्या का झूठा दावा किया था। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हत्या का झूठा दावा करने वाले याचिकाकर्ता पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार को इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की भी अनुमति दी।
बता दें कि वनवासी चेतना आश्रम नाम का एनजीओ चलाने वाले हिमांशु कुमार ने 2009 में यह याचिका दाखिल की थी। इस मामले में कोर्ट ने प्रभावित बताए गए आदिवासियों के बयान दर्ज करवाए थे। लेकिन बाद में इस मामले में हिमांशु का दावा झूठा पाया गया।
इस मामले में केंद्र सरकार ने आवेदन दाखिल करते हुए बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2010 में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज ने कथित पीड़ितों के बयान दर्ज किए थे। यह बयान 2022 में सार्वजनिक हुए।
यह है मामला
सार्वजनिक बयान में पता चला कि सुप्रीम कोर्ट में अशिक्षित आदिवासियों को बहला-फुसलाकर और उन पर दबाव बना कर उनकी तरफ से झूठी याचिका दाखिल की गई थी। माओवादियों की ओर से की जा रही गतिविधियों पर पर्दा ढकने की नियत से सुरक्षा बलों के खिलाफ कहानी रची गई। मुख्य याचिकाकर्ता हिमांशु कुमार ने सुप्रीम कोर्ट को भी झूठी बात बताई। सारा सच आने के बाद केंद्र ने इस बारे में हिमांशु पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी।