इस दिवाली चीन को 40 हजार करोड़ का करारा ‘थप्पड़
इस दिवाली चीन को 40 हजार करोड़ का करारा ‘थप्पड़’
Vikram Pradhan
चीन और भारत के सम्बंध के बारे में तुलना की जाए तो यह सम्बंध ज़्यादातर व्यापारिक रहा है, भले ही हमारे पुराने नेताओ ने इस सम्बंध को जितनी भी ढकने की कोशिश की हो लेकिन चीन हमेशा से स्वार्थपुर्ण सम्बंध निभाते आया है। चीन और भारत की अर्थ-व्यवस्था में चाहे जितना भी फ़र्क़ हो लेकिन चीनी सामग्रियों की जो ख़पत भारत करता है वो कोई भी देश नही कर पाएगा। भारत के सभी प्रमुख त्योहारों की सामग्री जो ज़्यादातर चीन में तैयार होती है, उसे हर भारतीय नही जान पाता।
होली,दिवाली ,रक्षाबन्धन सभी प्रमुख त्योहार का समान चीन अरबों रुपए की मात्रा में तैयार कर के रखता है।लेकिन इस दिवाली में चीन को 40 हजार करोड़ का करारा ‘थप्पड़’ भारत के तरफ़ से पड़ने वाला है । जी हाँ इस दिवाली पर निकलेगा चीन का दीवाला, चीन में बना हुआ माल भारत में नही होगा खपत, देश की जनता दे रही जवाब। और चालीस हज़ार करोड़ का चीन जो भारत से व्यापार कर के कमाता था , इस बार नही कमा पाएगा।चीन जो हरकत कर रहा है उसकी पाई पाई का हिसाब केंद्र सरकार ले रही है ।और जनता भी सरकार का साथ दे रही है।क्योंकि भारत से कमाए हुए धन का उपयोग वह युद्ध में करना चाहता है,उसी पैसे से भारतीय सैनिकों से लड़ने एवं मारने के लिए हथियार ख़रीदना चाहता है चीन।
चीन की दरिंदगी का जवाब एक एक भारतीय चीनी सामान का बहिष्कार कर के करेंगे। भारत चीन का बहुत बड़ा बाज़ार है और व्यापारिक दृष्टि से देखा जाए तो आज चीन की जो ऊँची अर्थ-व्यवस्था बनी है उसमें भारतीय बाज़ारों का बहुत बड़ा योगदान हैl लेकिन चीन को उसकी असलियत दिखाने का यही समय है।