छत्तीसगढ़ प्रदेश में सीएम की कुर्सी को लेकर शुरू हुआ संघर्ष शायद अब अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है राजनीतिक गलियारों में यह सुगबुगाहट तेज हो गई है, की प्रदेश का मुखिया बदलने वाला है। यही नहीं अब तो शपथ डेट भी फाइनल बताई जा रही है।
छत्तीसगढ़ के मंत्रियों और विधायकों की दिल्ली दरबार में चल रही परिक्रमा यह साफ करती है, कि प्रदेश की कांग्रेस राजनीति में सब कुछ सही नहीं है।
भले ही विधायक और मंत्री दिल्ली जाने के पीछे की वजह अपना निजी काम बताएं, लेकिन उन्हें वोट करने वाली जनता इस रस्साकशी को अच्छी तरह से पहचान रही है।
प्रदेश कांग्रेस का कोई भी नेता इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि ऐसा कुछ चल रहा है लेकिन राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर 7 अक्टूबर को बाबा की ताजपोशी की तारीख भी मुकर्रर कर दी गई है।
कांग्रेस पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल को रविवार को दिल्ली तलब किया था।
लेकिन बेमेतरा में कार्यक्रम के चलते भूपेश बघेल दिल्ली नहीं जा पाए लेकिन प्रदेश के मुखिया सोमवार को दिल्ली गए। अब देखना होगा की भूपेश बघेल का राजनीतिक भविष्य क्या होता है।
आपको बता दें कि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल आज दिल्ली में है। इससे पहले लखीमपुर उत्तर प्रदेश में हुई घटना के बाद सीएम प्रियंका गांधी के साथ लखीमपुर जाने वाले थे लेकिन फ्लाइट लैंडिंग की परमिशन नहीं मिलने पर अब वे दिल्ली में जमे हुए हैं।
सोमवार को दिन भर प्रदेश दो प्रेस कॉन्फ्रेंस की चर्चा बनी रहे जिसमें पहली तो प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की है, जिसमें वे कहते हैं कि प्रदेश में कोई सरकार बची नहीं है। कांग्रेस पार्टी केवल और केवल ढाई ढाई साल वाली राजनीति में फस कर रह गई है।
प्रदेश का माहौल खराब हो चुका है और सरकार इससे संभाले नहीं संभल रही है अगर बात करें दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की है।
राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं की दिल्ली जाने के बाद से ही भूपेश बघेल के चेहरे की रौनक उड़ी हुई है।
इससे पहले कांग्रेसी विधायक और मंत्रियों की पार्टी आलाकमान से मुलाकात ना होना, दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन में लंबी बैठकों के दौर का चलना और बिना मुलाकात जनप्रतिनिधियों की प्रदेश वापसी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में कुछ तो बड़ा होने वाला है।
आपको बता दें कि दिल्ली में जमे छत्तीसगढ़ के विधायकों में से 30 विधायक देर रात राजधानी रायपुर पहुंचे। लेकिन किसी ने भी पत्रकारों के सवालों के सही सही जवाब नहीं दिए। सभी इस यात्रा को अपनी निजी यात्रा बता रहे हैं।