शराब को शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह एक साथ कई अंगों को नुकसान पहुंचाती है। इससे न केवल लिवर खराब होता है, बल्कि मस्तिष्क (Brain) पर भी उल्टा असर पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, शराब की एक घूंट महज 30 सेकंड में दिमाग तक अल्कोहल(Alcohol) पहुंचाने के लिए काफी है। कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है और क्यों थोड़ी देर बाद शराब(alcohol) असर दिखाना शुरू कर देती है। आइए जानते हैं कि आखिर शराब(Alcohol) शरीर में कैसे असर दिखाती है….
एक बार घूंट निगलने के बाद, शराब(Alcohol) को तेजी से रक्त में घुल जाती है और शरीर(Body) के सभी हिस्सों में पहुंतची है। अगर प्रेगनेंट(pregnant) महिला शराब पीती है तो वह शिशु तक भी पहुंचती है। शराब(Alcohol) सबसे पहले पेट में गैस्ट्रिक एसिड बनाता है और पेट की म्यूकस लाइन में सूजन पैदा करता है।
इसके बाद आंतें एल्कोहल(Alcohol) सोखती हैं और उसके बाद ये विंग के जरिए लीवर(liver) तक पहुंचता है। लिवर(liver) बहुत ही करीब होता है, ऐसे में इस बात की संभावना ज्यादा होती है कि यह पेट से सीधे लिवर(liver) में पहुंच जाता है।
हमारा लीवर(liver) 15 मिलीग्राम/प्रति घंटा शराब(Alcohol) ही चयापचय (मेटाबॉलाइज़) कर पाता है। यानि इतनी मात्रा की शराब(Alcohol) को ही ऊर्जा में बदला जा सकता है। इसके ऊपर अगर आपने पी तो शराब(Alcohol) शरीर में जमने लगेगी और आपका शरीर नशे के संकेत देने लगेगा।
ऐसे में कुछ ही मिनटों में आपके शरीर में मौजूद शराब का असर मस्तिष्क(Brain) होने लगता है। शराब(Alcohol) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इसके बाद तंत्रिका तंत्र के कनेक्शन को तोड़ता है, जिसके बाद ये कोशिकाएं बहुत सुस्ती काम करना शुरू कर देती है। फिर मस्तिष्क(Brain) खुद इस परिस्थिति से निपट नहीं पाता है। शराब(Alcohol) मस्तिष्क के मध्य हिस्से में भी हमला कर देता है, जिसके बाद व्यक्ति खुद पर नियंत्रण खो देता है।