अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद कौन होगा नया राष्ट्रपति? सबकी नज़र मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद, अब सबकी नजर इस बात पर है कि, आखिर कौन इस देश का अगला राष्ट्रपति चुना जाएगा। आपको बता दें की अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के नेतृत्व वाली सरकार देश छोड़कर भाग चुकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि तालिबान किसे देश का नया राष्ट्रध्यक्ष चुनने वाला है। अंतर्राष्ट्रीय समाचारों में इस समय एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। यह खतरनाक आतंकवादी कोई और नहीं मुल्ला अब्दुल गनी बरादर है। यह तालिबान के सह संस्थापकों में से एक रहा है। जो अब तालिबान की विद्रोही समूह के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख बना हुआ है और इसके साथ ही दोहा में समूह की वार्ता की टीम का हिस्सा भी बनाया गया है।
पाकिस्तान में हो चुका है गिरफ्तार
Mullah Baradar उन चार लोगों में से एक है, जिसने वर्ष 1994 में Afghanistan में तालिबान का गठन किया था। साल 2001 में जब अमेरिका के नेतृत्व में Afghanistan पर हुए आक्रमण में तालिबान को सत्ता से हटा दिया गया था तब वो नेटो सैन्य बलों के खिलाफ विद्रोह के प्रमुख बन गया था। बाद में फरवरी 2010 में अमेरिका और पाकिस्तान के एक संयुक्त अभियान में उन्हें पाकिस्तान के कराची शहर से गिरफ्तार कर लिया गया था।
साल 2012 तक मुल्ला बरादर के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं थी। उस समय Afghanistan सरकार शांति वार्ता को बढ़ावा देने के लिए जिन कैदियों को रिहा करने की मांग करती थी उनकी सूची में बरादर का नाम प्रमुख होता था। सितंबर 2013 में पाकिस्तानी सरकार ने उसे रिहा कर दिया, हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो सका कि वो पाकिस्तान में ही रुका या कहीं और चला गया।
भरोसेमंद सिपाही
मुल्ला बरादर तालिबान के नेता और संस्थापक Mullah Mohammed Omar के सबसे भरोसेमंद सिपाही और डिप्टी था। जब उसे गिरफ्तार किया गया था तब वो तालिबान का दूसरा सबसे बड़ा नेता था। साल 2018 में जब कतर में अमेरिका से बातचीत करने के लिए तालिबान का दफ्तर खुला तो उसे तालिबान के राजनीतिक दल का प्रमुख बनाया गया।
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