छत्तीसगढ़

जैवविविधता के संरक्षण-संवर्धन के लिए हो रहे कार्य : वनमंत्री अकबर

जैवविविधता संरक्षण हेतु विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार घोषित

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड द्वारा आज अंतर्राष्ट्रीय जैवविविधता दिवस 22 मई के उपलक्ष्य में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मुख्य आतिथ्य में नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय जैवविविधता दिवस के लिये इस वर्ष का थीम ‘समझौते से कियान्वयन जैवविविधता को पुर्ननिर्माण’ था। इस अवसर पर राज्य जैवविविधता बोर्ड के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव (वन) मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवासराव, सदस्य सचिव अरूण कुमार पाण्डेय तथा बड़ी संख्या में जैवविविधता पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रतिभागी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में राज्य स्तरीय जैवविविधता पुरस्कार 2023 की घोषणाएं की गई तथा वनमंत्री अकबर द्वारा चयनित संस्थाओं एवं व्यक्तियों को पुरस्कार वितरित किया गया। इनमें जैवविविधता प्रबंधन समिति धमनी बलौदाबाजार, शिवकुमार चंद्रवंशी ग्राम कोको, माँ रूपई इको क्लब कसेकेरा महासमुंद, डॉ. जसमीत सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग, पीपुल फॉर एनिमल वाईल्ड लाईफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया, कंजरवेशन कोर सोसायटी बिलासपुर, वीरेन्द्र सिंह ग्रीन कमांडो जिला बालोद, डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही बागबहरा, अनुप रंजन पाण्डे, राजवाडे ग्राम सोनपुरखुर्द को विभिन्न वर्गों में पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर सदस्य सचिव अरूण कुमार पाण्डेय, वैज्ञानिक एम.एल. नायक, डॉ. आर.पी. मिश्रा द्वारा तैयार की गई पुस्तक ‘बायोडायवर्सिटी ऑफ छत्तीसगढ़’ का विमोचन भी वनमंत्री द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त जैवविविधता के क्षेत्र में जागरूकता लाने हेतु स्कूल व कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित ऑनलाईन निबंध पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता के विजेताओं को भी मुख्य अतिथि के द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया।

वन मंत्री अकबर ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ जैव विविधता से परिपूर्ण है। यहां जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने राज्य में जैवविविधता संरक्षण तथा संवर्धन के प्रति एक जनजागरूकता अभियान प्रारंभ करने और इसे गति देने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में जैव विविधता समितियों को सक्रिय करने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। कार्यक्रम को प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवास राव अध्यक्ष बायोडायवर्सिटी बोर्ड राकेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव (वन) मनोज पिंगुआ के द्वारा भी संबोधित किया गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सर्वप्रथम जैवविविधता बोर्ड के सदस्य सचिव अरूण कुमार पाण्डेय द्वारा बोर्ड की प्रत्येक वर्ष की गतिविधियों का संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान सदस्य सचिव ने बताया कि बोर्ड के द्वारा राज्य में लगभग 12000 पी.बी.आर. (जन जैवविविधता पजी) तैयारी के लक्ष्य के विरूद्ध 8382 पी.बी.आर. तैयार कर ली गई है तथा यह कार्य सतृत रूप से चल रहा है। बोर्ड के द्वारा गिधवा परसदा क्षेत्र में एक पक्षी विवेचना एवं जागरूकता केन्द्र जो भविष्य में बर्ड सफारी के रूप में भी कार्य करेगा, बनाने का कार्य प्रगति पर है। प्रस्तावित बर्ड सफारी भवन की डिजाईन का भी प्रस्तुतीकरण सदस्य सचिव द्वारा किया गया। सदस्य सचिव ने यह भी बताया कि राज्य में चयनित वेटलैण्ड के संरक्षण का कार्य भी प्रारंभ हो गया है।

गतवर्ष राज्य शासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए बायोडायवर्सिटी बोर्ड के कार्यालय को नवगठित छत्तीसगढ़ वेटलैण्ड अथॉरिटी का सचिवालय भी घोषित किया था। राज्य के चयनित स्थलों पर नेचर ट्रेल, बायोडायवर्सिटी अवरनेस वॉक भी विकसित किया जा रहा है। धमतरी वनमंडल में गंगरेल बांध के निकट मानव वन, बिलासपुर के खरोरा सर्कल में इको नेचर कैम्प तथा जांजगीर-चांपा वनमंडल में दलहा पहाड़ में नेचर ट्रेल बनाने का कार्य प्रगति पर है बायोडायवर्सिटी बोर्ड के द्वारा देश के एक मात्र मेरिन फॉसिल क्षेत्र मनेन्द्रगढ़ में मेरिन फासिल बनाने का कार्य भी प्रगति पर है। कांकेर वनमंडल के शाहबाड़ा ग्राम को पक्षी पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने का काम भी बोर्ड के द्वारा किया जा रहा है। सदस्य सचिव ने यह भी अवगत कराया कि गत एक वर्ष में बोर्ड के द्वारा राज्य के अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों को गुजरात के केवडिया गांधी नगर में स्थापित केक्टस गॉर्डन तथा उड़ीसा में रामसर स्थलों के अध्ययन हेतु प्रवास पर भेजा गया है, इसके अतिरिक्त विविध विषयों पर नेशनल लेवल के सेमीनार भी आयोजित किये गये है।

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