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केले की खेती कर आप भी बन सकते हैं लखपति, मात्र 1 एकड़ में दो लाख का होता है लाभ, जानिए इस खेती के बारे में

यदि आपके पास भी कुछ ज़मीन है और आप कुछ लगाने की सोंच रहे है जिनसे आप अच्छा मुनाफ़ा कमा सके तो ये ख़बर आपके लिए ही है। जिसमे कम लागत में अधिक मुनाफ़ा कमाया जा सकता है आइये हम आपको बताते है इस ख़ास केले की खेती के बारे में…

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केला हमारे देश में सदाबहार फल में से एक है केले की पोषकता और आसानी से उपलब्धता इसे और भी खास बना देतीे है। केले में कई औषधीय गुण हैं जिससे साल भर इसकी मांग बनी रहती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसीलिए लोग इसे सभी मौसम में खाना पसंद करते हैं। जिसे देखते हुए देश में केले की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है। महाराष्ट्र में इसकी खेती सबसे ज्यादा होती है। इसके बाद कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इसे बड़े स्तर पर लगाया जाता है।

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गुजरात और असम में भी केला बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। केले की खेती के लिए उष्ण और आर्द्र जलवायु अच्छी मानी जाती है। इसके लिए बलुई और दोमट मिट्टी सही रहती है।अच्छी खेती के लिए मिट्टी में जल निकासी का गुण भी होना चाहिए। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश युक्त मिट्टी में केले का उत्पादन ज्यादा होता है। फरवरी-मार्च में केले की खेती अच्छी मानी जाती है। अच्छा उत्पादन लेने के लिए केले की उन्नत किस्में उगानी चाहिए। जैसे कि देसी किस्मों में पूवन, नेंद्रन, रस्थली, करपूरावली नाम शामिल है जबकि संकर किस्मों में सीओ-1, एच-1 और एच-2, एफएचआईए-1 के नाम हैं।

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कैसे करें खेती-

केले का रोपण करने के लिए पौधों को गड्ढे या नालियों में उगाया जाता है। सबसे पहले एक या दो जुताई कर पाटा लगाया जाता है। इसके बाद 2 या 3 मीटर की दूरी पर 50 सेमी लंबे, चौड़े और गहरे गड्ढे किए जाते हैं। इसके बाद इन गड्ढों को 15 दिन के लिए धूप में खुला छोड़ दिया जाता है। इसके बाद इन गड्ढों में 10 किलो गोबर की खाद, 250 ग्राम नीम केक और 20 ग्राम कार्बोफ्युरॉन डाला जाता है। इसके बाद केले के पौधों की रोपाई करें। केले की जड़ें ज्यादा गहराई तक नहीं जाती हैं, इसीलिए पानी की सही उपलब्धता का ध्यान देना पड़ता है।

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कितनी सिंचाई की जरूरत

केले की अच्छी पैदावार के लिए 70-75 सिंचाई की जरूरत होती है। सर्दियों में 7-8 दिन के अंतराल पर तो गर्मियों में 4-5 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। पौधों की जड़ों को नुकसान से बचाने के लिए ड्रिप सिंचाई की सलाह दी जाती है। इससे पानी की बचत होती है और पौधों भी अच्छे से बढ़ते है। केले में कई तरह के कीट और रोग लगने की आशंका रहती है। जिससे फसल के नुकसान होने का खतरा होता है। फसल खराब न हों, इसके लिए कृषि विशेषज्ञों से सलाह पर दवा का छिड़काव करना चाहिए।

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कब करें केले की तोड़ाई

रोपाई के बाद लगभग 11-12 माह बाद तोड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। बाजार की मांग और बाजार की दूरी को देखते हुए किसानों को फसल की तोड़ाई करनी चाहिए। बाजार दूर हो तो 70-75 प्रतिशत पके फलों को तोड़ना चाहिए। इससे फलों के खराब होने का डर नहीं रहता। इस तरह कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान केले का अच्छा उत्पादन ले सकते हैं और अधिक से अधिक लाभ ले सकते है।

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एक एकड़ में कितना मुनाफा
केले के बारे में कहा जाता है कि इसकी खेती सही ढंग से करें तो मुनाफा कई गुना तक बढ़ जाता है। सही खेती के लिए कहा जाता है कि पौधे से पौधे के बीच का गैप 6 फीट होना चाहिए। इस लिहाज से एक एकड़ में 1250 पौधे आसानी से और सही ढंग से बढ़ते हैं। पौधों के बीच की दूरी सही हो तो फल भी सही और एकसमान आते हैं। लागत की जहां तक बात है तो प्रति एकड़ डेढ़ से पौने दो लाख रुपये तक आती है। बेचने की बात करें तो एक एकड़ की पैदावार 3 से साढ़े तीन लाख रुपये तक में बिक जाती है। इस लिहाज से एक साल में डेढ़ से दो लाख रुपये तक का मुनाफा हो सकता है।

 

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