बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ पति के द्वारा जबरन संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता। कोर्ट ने रायपुर निवासी एक शख्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। साथ ही कोर्ट ने उस शख्स को बलात्कार के आरोपों से मुक्त कर दिया है। लेकिन, हाईकोर्ट ने कहा है कि पति के खिलाफ दर्ज अप्राकृतिक सेक्स और दहेज प्रताड़ना के मुकदमे चलते रहेंगे।
रायपुर के रहने वाले इस शख्स (37) की शादी बेमेतरा की रहने वाली लड़की से 2017 में हुई थी। कुछ दिन सब ठीक रहने के बाद दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। उसके बाद पति ने दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट और उसे गाली देना शुरू कर दिया। इसके साथ ही पत्नी की मर्जी के खिलाफ उसके साथ संबंध बनाए। इस प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी ससुराल छोड़ अपने मायके बेमेतरा चली गई, जहां उसने अपने पति के खिलाफ अप्राकृतिक संबंध बनाने सहित, दहेज प्रताड़ना और बलात्कार के तहत मामला दर्ज करवा दिया था।
बेमेतरा जिला न्यायालय ने पति को ठहराया दोषी
ये पूरा मामला बेमेतरा जिला न्यायालय पहुंचा था, जहां अदालत ने रायपुर निवासी पति को तीनों आरोपों में उसे दोषी माना था। हालांकि, बेमेतरा कोर्ट ने इस पर अभी सजा नहीं सुनाई है। पति ने निचली अदालत के इस फैसले को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अपने वकील के जरिए चुनौती दी थी। अब कोर्ट ने उसे बलात्कार के आरोपों से मुक्त कर दिया है।
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