कृष्णा जन्माष्टमी 2021: भगवान श्री कृष्ण के भक्तजन हर साल कृष्ण जन्माष्टमी का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जन्माष्टमी के दिन सभी कृष्ण भक्त भगवान श्री कृष्ण की साधना भक्ति में लीन हो जाते हैं। इस दिन सभी के घरों और मंदिरों में कृष्ण लीलाओं की झांकियां सजाकर पूजा की जाती हैं। सभी लोग व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा कर उनकी आराधना करते हैं। श्री कृष्ण से जुड़े धार्मिक स्थल जैसे मथुरा, वृंदावन, बरसाना इत्यादि में चारो तरफ धूम रहती है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, आज से लगभग 5248 साल पहले भगवान विष्णु के पूर्णावतार श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। ज्योतिष गणना के मुताबिक, इस साल कृष्ण जन्माष्टमी पर बहुत ही विशेष संयोग बन रहा है। तो चलिए आइए आज हम आपको बताते हैं इस साल जन्माष्टमी की तिथि और विशेष संयोग के बारे में।
इस जन्माष्टमी बन रहा है दुर्लभ संयोग
मान्यता है कि श्री कृष्ण भगवान ने जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्म लिया था। यह भी माना जाता है कि उस दिन चंद्रमा वृष राशि में और रोहणी नक्षत्र का संयोग था। इस बार ज्योतिषियों ने यह गणना की है कि इस साल की जन्माष्टमी तिथि पर विशेष संयोग बन रहा है। बता दें कि इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत आज यानी 30 अगस्त, दिन सोमवार को पड़ रहा है।
6 तत्वों का विशेष संयोग
इस साल कृष्ण जन्माष्टमी पर 6 तत्वों का विशेष संयोग बन रहा है। इस बार 30 अगस्त को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ वृष राशि और रोहणी नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। लेकिन यह अष्टमी तिथि रात्रि में 1 बजकर 59 मिनट तक ही रहेगी क्योंकि इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी।
इस दुर्लभ संयोग में है पूजा का विशेष महत्व
बता दें कि इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहे दुर्लभ संयोग में पूजन का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस तिथि और संयोग में भगवान कृष्ण का पूजन करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इससे व्यक्ति को भगवत कृपा प्राप्त होता है। जिन लोग कई जन्मों से प्रेत योनि में भटक रहे होते हैं, कहते हैं कि यदि इस तिथि में उनके लिए पूजन की जाए तो उन्हें मुक्ति मिल जाती है। तो इस बार के इस दुर्लभ और विशेष संयोग में भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करने से सिद्धि की प्राप्ति होगी और व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिले जाएगी।