छत्तीसगढ़ में इस समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार और उनके पिता के बीच बहुत जबरदस्त टकराव देखने को मिल रहे हैं। भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को ब्राह्मण समाज पर विवादित टिप्पणी करने के कारण रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बेटा मुख्यमंत्री और पिता नंद कुमार बघेल सलाखों के पीछे। भारतीय राजनीति में ये बहुत कम ही देखने को मिला है। हालांकि, विपक्ष इसे लोकप्रियता हासिल करने की ही राजनीति बता रही है। वहीं, सीएम का यह कहना है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।
पुरानी है अदावत
असलियत चाहे जो भी हो, किंतु पिता-पुत्र के बीच ये अदावत कोई नई नहीं है। भूपेश बघेल के बचपन से ही अपने पिता से वैचारिक मतभेद रहे हैं। पिता बौद्ध धर्म को मानने वाले तो पुत्र सनातन धर्म को। ऐसा कहा जाता है कि भूपेश बघेल के बचपन से ही ये पिता-पुत्र के बीच विवाद गहराने लगा था। यहां तक कि एक बार भूपेश बघेल घर छोड़कर रायपुर तक पढ़ाई करने आ गए थे।
कांग्रेस को हराने की अपील
जानकारी के मुताबिक, नंद कुमार बघेल पहले भी कई बार सामान्य वर्ग के खिलाफ बयान दे चुके हैं। स्वयं नंद कुमार मतदाता जागृति मंच नाम की संस्था चलाते हैं। चुनाव के दौरान नंद कुमार कांग्रेस के उन उम्मीदवारों को भी हराने की अपील कर चुके हैं जो सामान्य वर्ग से आते हैं। यहां तक कि भूपेश सरकार के मंत्रियों के खिलाफ भी वो कई बार सार्वजनिक रूप से बोल चुके हैं।
ज्ञात हो कि एक बार नगर निकाय के चुनाव में जब भूपेश कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद दुबे को जिताने के लिए प्रचार कर रहे थे, तो उसी वार्ड में पहुंच कर पिता नंद कुमार बघेल ने प्रमोद दुबे के विरोध में सभा कर दिया था और कांग्रेस उम्मीदवार को हराने तक की अपील कर दी थी।
बता दें कि भले ही बेटा कांग्रेस में हो लेकिन पिता अपने विचारों के आगे किसी की नहीं सुनते। स्वयं भूपेश बघेल भी इस वैचारिक अदावत को स्वीकार कर चुके हैं। एक बार मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उनके पिता की अपनी एक अलग पहचान है, उनकी खबरों में से भूपेश बघेल का नाम काट दिया जाए।
मां की मृत्यु
जानकारी के अनुसार, जब भूपेश बघेल की माता जी का निधन हुआ तो पूरा परिवार सनातन धर्म के मुताबिक क्रियाकर्म करने में लगा था। पिंडदान से लेकर अस्थियां विसर्जन तक का कार्य हो रहा था। लेकिन वहीं, पिता अलग से बौद्ध धर्म के अनुसार अपनी पत्नी का क्रियाकर्म करने में लगे हुए थे।
बेटा मंत्री और पिता जेल में
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि उनके पिता अभी ही जेल गए हैं। नंद कुमार बघेल ने अजीत जोगी की सरकार के समय में ‘रावण को मत मारो’ नाम से एक किताब लिखी थी। लेकिन सरकार ने इस किताब पर बैन लगा दिया, और नंद कुमार बघेल इसी से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार हो गए थे। बेटे भूपेश बघेल तब जोगी सरकार में मंत्री थे, किंतु तब भी भूपेश ऐसे ही थे। ऐसा कहा जाता है कि अजीत जोगी ने एक बार भूपेश बघेल से उनके पिता के बारे में पूछा भी था। मगर तब भपेश बघेल ने यह कहा था कि कानून को अपना काम करने दीजिए।
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