रणजीत सिंह हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम सहित 5 अन्य दोषियों को सोमवार को पंचकूला CBI की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है। राम रहीम सहित पांचों दोषियों को सीबीआई जज सुशील गर्ग ने उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही साथ राम रहीम पर 31 लाख का जुर्माना भी लगाया गया।
इस मामले में दोषी ठहराए जा चुके राम रहीम की सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। वहीं 4 अन्य दोषियों को कड़ी सुरक्षा के बीच पंचकूला कोर्ट लाया गया। सरकारी वकील एचपीएस वर्मा ने सुनवाई के दौरान दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की। दूसरी ओर, बचाव पक्ष के वकील ने इस मामले में फांसी की सजा नहीं बनने का तर्क दिया।
राम रहीम ने इस दौरान कहा कि वह इस देश का एक नागरिक है और उसे यहां की अदालत पर पूरा भरोसा है। राम रहीम ने इससे पहले अदालत में डेरे की ओर से चलाए जा रहे सामाजिक कार्यों और अपनी बीमारी का हवाला दिया था।
12 अक्टूबर को पंचकूला में CBI कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोषियों के वकीलों ने CBI की ओर से दी गई दलीलों को पढ़ने के लिए समय की मांग की थी। इसपर CBI जज सुशील गर्ग ने 18 अक्टूबर की तारीख दे दी थी। पंचकूला जिला प्रशासन ने सोमवार को रणजीत हत्याकांड में फैसला आने के चलते सुबह से ही पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दिया। ITBP के जवानों के साथ पूरे पंचकूला में पुलिसकर्मी तैनात रहे। वहीं, शहर में आने वाले लोगों को पूरी तलाशी ली गई और इसके बाद ही आगे जाने की अनुमति दी गई।
जानिए आखिर क्या है रणजीत सिंह हत्याकांड?
10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट कमेटी के मेंबर कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह को गोली मार दिया गया। डेरा प्रबंधन ने शंका जताई थी कि रणजीत सिंह ने ही साध्वी यौन शोषण मामले में अपनी बहन से गुमनाम चिट्ठी लिखवाई।
इसके बाद पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के पिता ने जनवरी 2003 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर किया और CBI से अपने बेटे की हत्या की जांच करवाने की मांग की। इसपर हाईकोर्ट ने अपनी मंजूरी दे दी। इस मामले में CBI ने डेरामुखी राम रहीम सहित 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। CBI की स्पेशल कोर्ट ने 2007 में आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए और 8 अक्टूबर 2021 को उन्हें दोषी करार दे दिया।
3 लोगों की गवाही अहम
जानकारी के मुताबिक, रणजीत सिंह हत्याकांड में 3 लोगों की गवाही बहुत अहम रही। इनमें से 2 चश्मदीद गवाहों सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह ने अदालत से कहा कि उन्होंने आरोपियों को रणजीत सिंह पर गोली चलाते हुए अपनी आंखों से देखा। वहीं डेरामुखी का ड्राइवर खट्टा सिंह तीसरा गवाह रहा। खट्टा सिंह के मुताबिक, उसके सामने ही रणजीत सिंह को मारने की गहरी साजिश रची गई। खट्टा सिंह ने बताया कि उसके सामने ही डेरामुखी राम रहीम ने रणजीत सिंह को मारने के लिए कहा। केस की शुरुआती सुनवाई के दौरान खट्टा सिंह अदालत में इस बयान से मुकर गया था, लेकिन कई साल बाद वह फिर कोर्ट में पेश हुआ और गवाही दी। अंत में उसकी गवाही के आधार पर ही पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया गया।
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