रायपुर। इस वर्ष प्रदेश में समय से पहले पहुंचा मानसून अचानक लुका छुपी का खेल खेलने लगा है। जहां शुरुआत में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई थी। वहीं सावन के महीने में बदरा ठीक से बरसी नहीं रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश की आशंका है।
छींटे पड़ने की संभावनाएं
प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा कहीं बारिश हुई है तो वो है कोरबा। वहीं सबसे कम बारिश बालोद जिले में हुई है। आज मौसम विभाग ने भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावनाएं जताई है।
गुरुवार के बाद से नहीं हुई है बारिश
जानकारी के लिए बता दें कि राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के दूसरे जिलों में आखिरी बार गुरुवार की शाम को ही झमाझम बारिश हुई थी जिसके बाद अन्य कहीं बारिश ही नहीं हुई है। फिर शुक्रवार की सुबह से शाम तक रायपुर में उमस भरी गर्मी महसूस की गई। प्रदेश के दूसरे हिस्सों में जुलाई के आखिरी सप्ताह में 4 दिनों तक झमाझम और भारी बारिश हुई थी। इस झमाझम बारिश की वजह से ही कुछ जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी। लेकिन जैसे ही अगस्त की शुरुआत हुई, बारिश एकदम थम सी गई। राजधानी रायपुर में भी आज यानि शनिवार को बादल छाए हैं लेकिन बारिश है कि गिरने का नाम ही नहीं ले रही।
जानिए क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
लालपुर मौसम विभाग के मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा (Meteorologist HP Chandra) ने प्रदेश के कुछ स्थानों पर शनिवार को हल्का मध्यम बारिश होने कि संभावना जताई है। उन्होंने यह भी कहा कि गरज चमक के साथ छींटे पड़ सकते है। इस बीच अंदेशा लगाया गया है कि प्रदेश के अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नही होगा।
बता दें कि प्रदेश में सबसे कम बारिश बालोद जिले में हुई है और सबसे ज्यादा बारिश कोरबा जिले में हुई। मानसून मौसम विभाग ने यह जानकारी दी कि एक निम्न दाब का क्षेत्र मध्य मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग और उसके आसपास स्थित है और इसके साथ ही चक्रीय चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर ऊंचाई पर विस्तारित है।
मानसून द्रोणिका
बता दें कि मानसून द्रोणिका बीकानेर, जयपुर निम्न दाब के केंद्र सीधी, डाल्टनगंज, पुरुलिया, दीघा और उसके बाद दक्षिण पूर्व की ओर उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक है। साथ ही साथ एक चक्रीय चक्रवाती घेरा भी दक्षिण पूर्व बांग्लादेश और उसके आसपास पाया जाता है जो की 5.8 किलोमीटर तक फैला हुआ है।
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