गुरुवार को छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक कोरबा दौरे पर थीं। इन्होंने यहां पर जिला पंचायत के सभा कक्ष में उनके सामने पेश हुए सभी प्रकरणों की सुनवाई की। अब इन प्रकरणों मे एक बहुत ही दिलचस्प मामला देखने को मिला है। कोरबा के एक पटवारी की पत्नी ने महिला आयोग में यह शिकायत की थी कि उनके पति उनके साथ नहीं रहते। उनका संबंध 2 बार तलाकशुदा एक महिला पटवारी के साथ है। इस पर सुनवाई करते हुए किरणमयी नायक ने उसके पटवारी पति का भी पक्ष पूछा। पटवारी ने भरी सभा में यह कहा कि हमेशा पति ही गलत नहीं होते हैं। मेरी पत्नी मुझे मारती है।उसने मुझ पर कई तरह के झूठे आरोप लगाए हैं।
असल में कोरबा जिले के करतला ब्लॉक में पदस्थ एक पटवारी की शादी को 10 साल पहले हुई थी। उनकी एक 8 साल की बेटी भी है। लेकिन पटवारी अपनी पत्नी और बेटी को छोड़कर अलग रहता है। उनकी पत्नी ने महिला आयोग में पति के दूसरी महिला पटवारी के साथ नाजायज सम्बंधों को लेकर शिकायत की थी। उस महिला का यह आरोप था कि पति हर बात पर उनकी पिटाई कर देते हैं। जब महिला ने शिकायत की तो उसके बाद किरणमयी नायक ने इस मामले को बहुत ही गंभीरता से लिया और जिला पंचायत के सभा कक्ष में प्रकरण की सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को बुलवाया था।
महिलाएं भी करती हैं संबंध खराब; पटवारी
किरणमयी नायक ने भरी सभा में पटवारी से भी उनका पक्ष पूछा। जिस पर पटवारी ने कहा कि हमेशा पुरुष ही गलत नहीं होते हैं। महिलाएं भी संबंध खराब करती हैं। उसने कहा कि उसकी पत्नी ने उसे कई तरह के झूठे मामलों में फंसाया है। उसके खिलाफ उसने झूठी शिकायतें भी की है। इसलिए उसने अपनी पत्नी को छोड़ दिया है। वह हर महीने 11 हजार रुपए मकान का किराया देता है।
यहां तक कि पटवारी ने यह भी कहा कि उसकी पत्नी ने उस पर मारपीट किए जाने की झूठी शिकायत थाने में दर्ज कराई है। इधर, पटवारी का पक्ष सुनने के बाद पति की पिटाई वाली बात पर किरणमयी नायक ने भरी सभा में ही सभी से तालियां बजवाई। उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं को हमेशा दबंग रहना चाहिए। यहां भरी सभा में इन्होंने स्वीकार कर लिया है कि यह पत्नी से पिटाई खाता है।
अध्यक्ष ने जब दोनों पति-पत्नी का पक्ष सुना तो पता चला कि, जिस महिला पटवारी की वजह से पति-पत्नी के बीच संबंध खराब हो रहे हैं वो भी सभा में मौजूद है। फिर किरणमयी नायक ने उनसे कहा कि तुम दो बार तलाक जैसी परिस्थितियों से बाहर निकल कर आई हो और शायद यह समझती होगी कि परिवार टूटने की पीड़ा क्या होती है। लेकिन इसके बाद भी तुम इनका घर क्यों तोड़ना चाहती हो। इस बात पर देते हुए महिला पटवारी ने कहा कि मैंने तो इन्हें पहले ही समझाया है कि अपनी पत्नी और बच्चों का ध्यान रखो। महिला का ऐसा जवाब सुनकर अध्यक्ष ने पटवारी पति से पूछा कि तुम ना तो घर वाली की सुनते हो ना ही बाहर वाली की, तो आखिर तुम चाहते क्या हो? आखिर में पटवारी ने कहा कि मैं किसी के साथ नहीं रहना चाहता। मैं बस अपनी पत्नी से तलाक चाहता हूं।
होगी विभागीय जांच, SDM को दिए निर्देश
जानकारी के मुताबिक, इस मामले की सुनवाई करते समय आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक भी कुछ पल के लिए सोच में पड़ गईं थी। लेकिन फिर उन्होंने कड़ा निर्णय लेते हुए वहां मौजूद SDM से कह दिया कि आप यह सुनिश्चित कर लें कि पटवारी की सेवा पुस्तिका से उसकी पत्नी और बच्चे का नाम ना कटे। साथ ही इनके विरुद्ध विभागीय जांच कर वैधानिक कार्रवाई की जाए। जिस महिला पटवारी के कारण पति-पत्नी के बीच संबंध खराब हो रहा है , पीड़ित यदि भविष्य में ऐसी कोई भी शिकायत दर्ज कराए तो उस महिला पटवारी पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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