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छत्तीसगढ़: रायपुर एम्स में स्पेशल क्लीनिक की शुरुआत, गुर्दे की गंभीर बीमारी ग्लूमेरूलर का किया जायेगा इलाज

रायपुर एम्स एक नई शुरुआत करने जा रहा है। जिसमे गुर्दे की गंभीर बीमारी ग्लूमेरूलर के रोगियों के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में प्रत्येक बुधवार को दोपहर 2 से 4.30 बजे तक स्पेशल क्लीनिक संचालित किया जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है की प्रदेश में इसके रोगियों को काफी ज्यादा राहत मिलने वाली है। एम्स रायपुर में इस बीमारी के अभी तक लगभग 350 रोगी उपचार प्राप्त कर रहे हैं। जिनसे उसे विशेष राहत मिलने की उम्मीद है।
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क्या है ग्लूमेरूलर-
विभागाध्यक्ष डॉ. विनय राठौर ने बताया कि ग्लूमेरूलर रोग गुर्दे की एक गंभीर बीमारी है। यह ऑटो इम्यून डिसऑर्डर जिसमें नेफ्रोटिक सिंड्रोम, एसएलई, आईजीए नेफ्रोपैथी, मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी, एफएसजीएस और कई अन्य जेनेटिक फैक्टर्स के कारण यह बीमारी हो सकती है। इसकी वजह से किडनी की क्षमता को प्रभावित करती है। जिससे पेशाब से रक्त आना, झाग आना, बीपी बढ़ना, हाथ-पैर और चेहरे पर सूजन आने लगती है। वर्तमान में यह बीमारी सभी आयु वर्ग में देखने को मिल रही है।
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डॉ. राठौर ने बताया कि अभी एम्स के नेफ्रोलॉजी विभाग में ग्लूमेरूलर के 350 रोगी पंजीकृत हैं। इन्हे इम्यूनो सप्रेसेंट दवाइयां प्रदान की जाती हैं जिससे इन रोगियों को संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। इन रोगियों को बाह्य संक्रमण से बचाने के उद्देश्य से विशेष क्लीनिक प्रारंभ किया जा रहा है। इसमें डॉ. राठौर के साथ डॉ. सौरभ नायक रोगियों को चिकित्सकीय उपचार और फॉलोअप प्रदान करेंगे। जिन रोगियों को किडनी बायोपसी की जरूरत पड़ेगी उन्हें यह सुविधा एम्स में भी उपलब्ध करायी जायेगी।
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निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि एम्स निरंतर स्पेशल क्लीनिक के माध्यम से गंभीर रोगियों को राहत प्रदान करने की दिशा में कार्यरत है। इससे गंभीर रोगियों को लाइन में लगकर अब अधिक देर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। विशेष क्लीनिक के रोगियों का डेटा भी शोध और अनुसंधान के लिए चिकित्सकों के पास उपलब्ध होगा, जिससे भविष्य में उपचार का प्रोटोकॉल तैयार करने में आसानी होगी।

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