मिस्र में अहमद एक कॉलेज स्टूडेंट था। ऑस्ट्रिया की सेंट्रल यूरोपियन यूनिवर्सिटी में सोशियोलॉजी और एंथ्रोपोलॉजी के छात्र अहमद को अपनी रिसर्च के विषय के चलते दुनिया की सबसे खतरनाक जेल में पिछले कुछ महीनों से रखा गया है।
अहमद की गर्लफ्रेंड सोहेला बेल्जियम में पढ़ती हैं और दोनों सालों से लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं। एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में सोहेला ने कहा कि ये सब तब शुरू हुआ जब अहमद की एक दोस्त को मिस्र में गर्भपात के भयानक अनुभव से गुजरना पड़ा। सोहेला ने कहा कि अहमद ने फैसला किया था कि वो अपनी मास्टर्स की रिसर्च मिस्र और इस्लाम के गर्भपात के कानूनों की तुलना पर करेगा। अहमद जब ऑस्ट्रिया से वापस मिस्र आ रहा था तो शेरम अल शेख इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उसकी जेंडर स्टडीज की किताबों को लेकर अधिकारी पूछताछ करने लगे।
सोहेला ने आगे बताया कि पूछताछ के बाद उसे जाने दिया गया। लेकिन एक हफ्ते बाद उसके घर पुलिसवाले पहुंच गए और उसे कायरो में स्थित लिमान टोरा जेल में बंद कर दिया। इस जेल के बारे में कहा जाता है कि यहां पॉलिटिकल कैदियों के साथ अमानवीय हरकतें होती हैं और ये मिस्र के सबसे ज्यादा सिक्योरिटी वाले जेलों में गिनी जाती है।
इस जेल के नियम काफी सख्त हैं और इस जेल में मौजूद कैदियों का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं होता है। हालांकि जेल के नियमों के अनुसार, सोहेला अहमद से नहीं मिल सकती है क्योंकि उसकी अब तक अहमद से शादी नहीं हुई है।
गौरतलब है कि सोहेला इस मामले में एमनेस्टी इंटरनेशनल, स्कॉलर्स एट रिस्क, ह्यूमन्स राइट्स वॉच और विएना के स्टूडेंट यूनियन से मिल चुकी है और अहमद की रिहाई के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं। पिछले कुछ समय में अहमद की रिहाई को लेकर काफी प्रोटेस्ट्स भी देखने को मिल रहे हैं