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हिन्दू राष्ट्र नहीं, रामराज चाहिएः अविमुक्तेश्वरानन्द

बहुसंख्यक की धार्मिक शिक्षा बैन क्यों?

रायपुर। जगद्गुरू शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमें हिन्दू राष्ट्र नहीं बल्कि रामराज चाहिए। हिन्दू राष्ट्र कंस का भी थी, और रावण का भी था, लेकिन वहाँ की जनता दुखी थी। हमें ऐसे राष्ट्र चाहिए, जहाँ जनता सुखी हो। हम रामराज्य चाहते हैं, जहाँ सभी सुखी हों।
यह मांग प्रदेश प्रवास पर पहुंचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ने मीडिया से चर्चा में की उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र चाहने वालों के पास कोई प्रारुप नहीं है। जब प्रारुप का ही पता नहीं तो समर्थन का प्रश्न ही नहीं उठता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिन्दू बहुमत में हैं, उसके बाद भी ऐसी परिस्थितियां पैदा हो रही है कि हिन्दुओं को लेकर एडवाइजरी जारी करनी पड़ रही है। ऐसी स्थितियां क्यों कर बन रही हैं, इस पर विचार करना होगा। समाज में हिन्दुओं से हिन्दुओं का बांटने की राजनीति हो रही है। कोई यह तय नहीं कर सकता है कि सामने वाला कौन सा धर्म का पालन करेगा।
उन्होंने कहा कि आदिवासी भी हिन्दू हैं। आदिवासी हिन्दू और हम हिन्दू सभी महादेव की पूजा अर्चना करते हैं। सभी बेलपत्र चढ़ाते हैं। उन्होंने यह भी सवाल किया कि बहुसंख्यक धर्म की शिक्षा बैन क्यों है? मुसलमान मस्जिद में मुस्लिम धर्म की शिक्षा दे सकता है, कॉन्वेंट में ईसाई धर्म की शिक्षा दे सकता है, तो फिर हिंदू के स्कूल में हिन्दू धर्म को क्यों नहीं?

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