KTU released the list of PhD candidates:
रायपुर। किसी भी संस्थान और देश की पहचान उस देश के शिक्षण संस्थानों में कराए जाने वाले शोध पर निर्भर होती है। विश्व में कोई ऐसा देश नहीं होगा जहां पर हमारे देश और यहां के विश्वविद्यालय के लोग न हों। यूनिवर्सिटी का नाम रौशन न कर रहे हों। शोध का प्रथम उद्देश्य समाज कल्याण की बात करना है। सामाजिक परिस्थितिकी का संतुलन बनाने के लिए बेहतर नवाचारों को स्वरूप देना आज की जरूरत है।
देश के प्रथम मिडिया यूनिवर्सिटी कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर ने एकेडेमिक सेशन 2020- 21 के पीएचडी कैंडिडेट्स (KTU released the list of PhD candidates) के नाम जारी किए है। पंद्रह सीटों के लिए किए गए चयन प्रक्रिया में देश भर के 40 से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। इनमें 10 सीटों पर विद्यार्थियों का सिलेक्शन हुआ है।
यह चयन प्रक्रिया तीन चरणों में आयोजित की गई थी जिसमें लिखित डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और इंटरव्यू शामिल थे। केटीयू के ऑफिसियल वेबसाइट के अनुसार, 27 अप्रेल को फाइनल कैंडिडेट के लिस्ट अपलोड किये गए है जिसमे दस छात्रों के नाम शामिल हैं।
इन विद्यार्थियों का हुआ सिलेक्शन :
रुखसार परवीन
दीक्षा देशपांडेय
राकेश कुमार
भूपेश कुमार
आमिर हासमी
केशव तिवारी
विकाश खलखो
गायत्री सिंह
चंद्रेश चौधरी
रीतुलता तारक
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में जनसंचार के छात्रों के लिए गुणवत्ता युक्त पाठ्यक्रम एवं शिक्षण तथा व्यावहारिक- प्रायोगिक प्रशिक्षण के लिए आदर्श शैक्षणिक वातावरण निर्माण करने पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। जनसंचार विभाग के छात्र अपनी प्रतिभा व उपलब्धियों से पूरे देश में संस्थान का नाम रोशन कर रहें हैं।
जनसंचार में बढ़ रही बच्चों की रुचि
जनसंचार विभाग के डॉ. शाहिद अली पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता के नए हुनरबाजों को तराशने का काम कर रहे हैं। जनसंचार विभाग के छात्र देशभर में प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम कर रहे हैं। जिसको देखते हुए आने वाली पीढ़ी भी पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ रही है। बीते वर्षों में जनसंचार विभाग में बच्चों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। जो यह दर्शाता है कि डॉ. अली द्वारा छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ पत्रकारिता जगत में क्रांति लाने का कार्य कर रहे हैं।
कोरोना काल में भी नहीं रुकने दी बच्चों की पढ़ाई
वैश्विक महामारी कोरोना काल में विपरीत परिस्थितियों में उत्कृष्ट शिक्षण कार्य के लिए डॉ. अली मशहूर हुए। कोविड के दौरान छात्रों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए ऑनलाइन माध्यम से क्लासेस आयोजित करवाई, ताकि छात्रों की पढ़ाई का नुकसान ना हो।
ऑनलाइन क्लासेज के दौरान स्वयं विभागाध्यक्ष बच्चों से बातचीत कर व्यक्तित्व विकास, नैतिक, व्यवहारिक, शारीरिक शिक्षण में समाहित कर विद्यार्थियों को अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करते रहे। साथ ही ऑनलाइन माध्यम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी विभागाध्यक्ष द्वारा कराया गया।
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