Maoists offer peace talk:
जगदलपुर। बस्तर संभाग से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां माओवादियों ने सरकार से शांतिवार्ता की बात(Maoists offer peace talk) की है। उनका कहना है की वे शांति चाहते है और इसलिए वार्ता के लिए तैयार है लेकिन उससे पहले उनकी कुछ मांगों को माना जाए। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) संगठन के दण्डाकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी की है जिसमे शांति वार्ता की बात कही गई है।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है जिसमे शांति वार्ता (Maoists offer peace talk) के साथ ही माओवादियों ने सरकार पर कई आरोप भी लगाए हैं। उनका कहना है कि वे संविधान को मानते हैं और शांति से बातचीत करके मामले का हल निकालना चाहते हैं। इस विज्ञप्ति के माध्यम से उन्होंने सरकार पर दोगलेपन का भी आरोप लगाया है।
माओवादी संगठन द्वारा प्रेस रिलीज में कहा गया है कि हम शांतिवार्ता के लिए तैयार हैं लेकिन वार्ता के लिए पहले हमारी मांगों को पूरा किया जाए, जिसके तहत हमारी पार्टी, पीएलजीए, जन संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाया जाए। हमें खुलेआम काम करने का अवसर दिया जाए। हवाई बमबारी बंद की जाए, जेलों में बंद हमारे नेताओं को वार्ता के लिए रिहा किया जाए। इन मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट करें तो ही शांतिवार्ता की बात आगे बढ़ेगी।
मावोवादियो द्वारा आगे कहा गया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह कहना कि “भारत के संविधान को मानने और हथियार छोड़ने पर माओवादियों के साथ वार्ता के लिए वे तैयार हैं” इन बातों से साजिश की बू आती है। एक तरफ हवाई बमबारी और दूसरी ओर वार्ता की पेशकश, यह जनता को भ्रमित करने व माओवादियों को बदनाम करने की कोशिश है।
साथ ही हवाई हमले वाली बात को लेकर भी माओवादियों ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाए हैं और सरकार द्वारा आम जनता को भ्रमित करने की बात की है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश दौरे में जनता की मांग सुनकर कर्मचारियों पर कार्रवाई करने वाले सीएम बस्तर में आदिवासियों पर हवाई हमले करा रहे है।
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