छत्तीसगढ़

CM बघेल ने शासकीय योजनाओं तथा ‘मोर महापौर मोर दुआर’ अभियान के लाभान्वितों से की चर्चा, लोगों ने कहा- आई आत्मनिर्भरता

Mor Mahapaur Mor Duar Program: 
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर के सुभाष स्टेडियम में आयोजित मोर महापौर मोर दुआर कार्यक्रम(Mor Mahapaur Mor Duar Program) के समापन अवसर में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभांन्वितों से बातचीत की।
 हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री को बताया मोर महापौर मोर दुआर अभियान से नागरिकों की समस्याएं का समाधान तत्काल हो रहा है। साथ ही शासकीय योजनाओं का भी लाभ स्थल में मिल रहा है। इसके लिए हमें न कठिन प्रक्रिया का पालन करना पड़ा है, न ही कार्यालय के चक्कर काटने पड़े। शासन की योजनाएं से हमें अपने पैरों में खड़े होने के लिए मदद मिल रही है। इससे हमारे भीतर आत्मविश्वास भी जागा है।
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प्रीति ई-रिक्शा चलाकर कर रही है, परिवार का भरण-पोषण
अब प्रीति के पास अपनी नियमित आमदनी के लिए ई-रिक्शा है, जिसे चलाकर वह आसानी से अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है। प्रीति के सामने अब अपने रोजगार की चुनौती नहीं रही, न ही अब उसे घर खर्चो की चिंता है। यह बातें प्रीति ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताई।
शहर के जोन क्रमांक 2 के वार्ड क्रमांक 27 इंदिरा गांधी वार्ड के निवासी प्रीति यादव ने बताया कि चार लोगों के परिवार में खर्च चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। आय का कोई नियमित स्त्रोत न होने की वजह से परिवार की माली हालत ठीक नही थी। इसी बीच हमारे वार्ड में मोर महापौर मोर दुआर का निदान शिविर मेें महापौर एजाज ढेबर के समक्ष अपनी समस्या रखी और उनसे ई-रिक्शा की मांग की। जिस पर तुरंत ही मेरी समस्या का निदान हुआ और अब मैं ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हॅू।
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महिला समूह को मिली केंटीन के लिए जगह
वाल्मीकी मयंक महिला स्वयं सहायता समूह कबीरनगर की अध्यक्ष रमा मिश्रा ने बताया कि यह ‘मोर महापौर मोर दुआर’ अभियान हमारे लिए बड़ा सार्थक सिद्ध हुआ है। हमारे समूह की महिलाएं पहले आपस में बचत खाते के माध्यम से आपसी लेन-देन के माध्यम से सहयोग करते थे, मगर रोजगार का कोई स्थायी साधन नहीं था। हमें इस अभियान के तहत शिविर में हमारे समूह की महिलाओं ने आवेदन दिया और तत्काल आवेदन स्वीकृत हो गया और केंटीन के लिए जगह भी आबंटित हो गई। जोन-8 में हमें केंटीन के लिए जगह दी गई जहां कार्यालय में आने वाले नागरिकों और अधिकारी-कर्मचारियों को हम छत्तीसगढ़ी पकवान खिलाते हैं। इससे प्रतिदिन 1500 से 2000 रूपए की बिक्री हो जाती है। आज समूह की सारे सदस्य अपने पैरों पर खड़े है। मिश्रा ने मुख्मयंत्री से कार्यक्रम में बातचीत कर उन्हें धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी महिलाओं की सराहना की।
सिलाई मशीन के लिए मिली सहायता, महिला समूह हुआ आत्मनिर्भर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शहर के वार्ड क्रमांक 6 वीरांगना अवंती बाई वार्ड में संचालित स्व सहायता समूह की महिलाओं ने भी बात की। उन्होंने बताया कि उनका समूह शासन की योजनाओं का लाभ लेकर आगे बढ़ रहा है। अभी हाल ही में उनके समूह को सिलाई मशीन के लिए एक लाख रूपए का ऋण प्राप्त हुआ है। सिलाई मशीन से हमारे समूह की महिलाएं कपड़े की थैले, महिलाओं के परिधान और मास्क का निर्माण कर रही हैं। पॉलीथीन में प्रतिबंध के बाद कपड़ों की थैली की बिक्री में वृद्धि हुई है। साथ ही मास्क, कपड़े की थैले तथा वस्त्रों को स्थानीय बाजारों में उसकी सप्लाई कर रही है।
मुख्यमंत्री को गोबर से बना पेंट भेंट किया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कार्यक्रम के दौरान गोवर्धन स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष धनेश्वरी रात्रे ने बताया कि उनके समूह के दौरान गोबर से राखियां, चप्पल तथा अन्य उत्पाद बनाए जा रहें हैं। अब समूह के द्वारा गोबर से पेंट बनाया जा रहा है। यह पेंट पूरी तरह से प्राकृतिक है, इसका हमें अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने समूह के स्टाल में गए और गोबर से बने उत्पादों की जानकारी ली। समूह की अध्यक्ष रात्रे ने गोबर से बना पेंट भेंट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत नागरिकों को लाभ मिल रहा है। साथ-साथ शहर की समस्याएं जैसे-मवेशियों तथा साफ-सफाई से निजात मिल रही है। मुख्यमंत्री ने समूह के सदस्यों को उनके जोन क्रमांक-8 में स्थित जरवाय गौठान में आने का आश्वासन दिया।

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