रायपुर की पहली महिला विधायक रजनी ताई उपासने का निधन
93 वर्ष की उम्र में राजनीति की एक युगांतकारी शख्सियत ने कहा अलविदा

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से दुखद खबर सामने आई है। रायपुर की पहली महिला विधायक रजनी ताई उपासने का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थीं। उनके निधन से रायपुर सहित पूरे प्रदेश के राजनीतिक जगत में शोक की लहर है। रजनी ताई उपासने ने 1977 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर कांग्रेस प्रत्याशी शारदा चरण तिवारी को हराकर इतिहास रचा। इस जीत के साथ ही वे रायपुर शहर की पहली और अब तक की एकमात्र महिला विधायक बनीं। राजनीति में कदम रखने से पहले से ही वे जनसंघ की सक्रिय कार्यकर्ता थीं और कई आंदोलनों में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।

आपातकाल के दौर में साहसिक भूमिका
1975-77 के आपातकाल के समय रायपुर कलेक्टर ने उन्हें देशविरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर घर सील करने और जेल भेजने की धमकी दी थी। उस समय उनके तीनों बेटे पहले से ही जेल में थे। ताई ने निर्भीकता से कहा था—*“आप मुझे भी जेल भेज सकते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।”
उनका तात्यापारा स्थित घर संघ के भूमिगत नेताओं का केंद्र रहा, जहां कुशाभाऊ ठाकरे, कमलाकर डोनगांवकर, शांताराम और केशव दवे जैसे नेता ठहरते और गुप्त बैठकें करते थे।

सादगी और समर्पण से बनाई पहचान
46 वर्ष की उम्र में विधायक बनीं रजनी ताई अपनी सादगी और समर्पण के लिए जानी जाती थीं। 1978 से 1980 तक विधायक रहते हुए उन्होंने राजनीति में अलग पहचान बनाई। हालांकि, जनता पार्टी के टूटने के बाद उन्हें दोबारा टिकट नहीं मिला और तब से रायपुर में कोई महिला विधायक नहीं बन सकी।

प्रधानमंत्री ने भी किया था हालचाल
करीब दो वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर उनका हालचाल लिया था और पुराने दिनों को याद करते हुए उन्हें आशीर्वाद का प्रतीक बताया था। परिवार के सदस्यों से भी प्रधानमंत्री ने उस समय बातचीत की थी।