छत्तीसगढ़

सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी अस्पताल घोटाले की सुनवाई का जिम्मा हाईकोर्ट को सौंपा, रिटायर्ड IAS अफसरों पर हजार करोड़ के घोटाले का आरोप

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से प्रदेश में हुए कथित एक हजार करोड़ के फर्जी अस्पताल घोटाले मामले में सुनवाई करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट में पेश स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) में सुनवाई किया और इस प्रकरण को वापस छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट भेजा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फर्जी अस्पताल मामले में याचिकाकर्ताओं विवेक ढांढ और एमके राउत के पक्ष को सुनते हुए अदालत फैसला करें।
जानकारी के मुताबिक, रायपुर के कुशालपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर ने प्रदेश में प्रशासनिक लगाम का दायित्व संभालने वाले कुछ IAS अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें रिटायर्ड अफसरों द्वारा बड़ी गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया है। बता दें कि नया रायपुर स्थित इस कथित नि:शक्त जन अस्पताल को एक NGO द्वारा चलाया जा रहा है। इस अस्पताल में करोड़ों की मशीनें भी खरीदी गईं हैं। यहां तक कि इनके रखरखाव में भी करोड़ों का खर्च आना बताया गया है। अब यह पता चला है कि न तो कोई अस्पताल है न कोई NGO, यह सब सिर्फ कागजों में सीमित है। यह मामला साल 2015-2016 के आसपास का है।
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FIR का आदेश
 एडवोकेट देवर्षि ठाकुर के द्वारा साल 2018 में जनहित याचिका दायर की गई। इस मामले में हाईकोर्ट ने जब सुनवाई की तो इस दौरान उन्होंने पाया कि ये 1 हजार करोड़ का घोटाला है। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साल 2019 में हुई सुनवाई में घोटाले में जो भी अफसरों शामिल थे उनपर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। तब महाधिवक्ता ने शासन का पक्ष पेश किया। उन्होंने बताया था कि इस मामले का जिम्मा CBI की जगह राज्य पुलिस को सौंपा जाए।
जहां एक तरफ सरकार ने कहा कि पुलिस जो भी जांच करे उसे स्वयं हाईकोर्ट अपनी निगरानी में रखे। वहीं, दूसरी तरफ रिटायर्ड IAS और प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके विवेक ढांढ और एम के राउत ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की थी। अब अदालत ने इसी पर सुनवाई करते हुए इस मामले की हाईकोर्ट को सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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  1. जानिए क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट में कुंदन सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने जनहित याचिका दायर की थी जिसमें बताया गया था कि राज्य के 6 आईएएस अफसर आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एमके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल और पीपी सोती समेत सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडेय और पंकज वर्मा ने फर्जी संस्थान स्टेट रिसोर्स सेंटर (SRC) (राज्य स्रोत नि:शक्तजन संस्थान) के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में CBI से इस पर FIR दर्ज कर जांच करने के लिए कहा था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। लेकिन अब इस केस की सुनवाई का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट ने फिर से हाईकोर्ट को सौंप दिया है।

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