भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से लूटपाट का मामला सामने आया है। पुलिस ने नर्स से मोबाइल और पर्स लूटने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि नर्स के पर्स में 21 हजार रुपए थे। पुलिस ने लूटपाट करने वाले आरोपियों की बहुत तलाश की, मगर उनका कहीं पता नहीं चल पाया था।
करीब एक महीने बाद पुलिस को सुराग मिली जिसके आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची। उसने आरोपियों को बेमेतरा से गिरफ्तार कर लिया और वहां से दुर्ग ले लाई आई है। मामला सुपेला थाना क्षेत्र का है।
सुपेला टीआई सुरेश ध्रुव ने जानकारी दी कि 8 जनवरी की रात एक महिला ने लूट की शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने बताया था कि वह पेशे से एक नर्स है। 8 जनवरी की रात 9 वह अपनी शिफ्ट खत्म होने के बाद अस्पताल से घर लौट रही थी।
वह अपनी स्कूटी से रात 10 बजे के करीब योगा गार्डन नेहरू नगर के पास पहुंची थी, इसी दौरान पीछे से दो लड़के बाइक से आए और उसे धक्का मारकर गिरा दिया। फिर उन्होंने उसका पर्स, 20 हजार रुपए कीमत का मोबाइल फोन लूट कर भाग गए। उसने बताया कि पर्स में 21 हजार रुपये थे।
अब पुलिस ने महिला की शिकायत पर धारा 279 , 337 , 379 के तहत मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू की थी। शुक्रवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 15 हजार रुपए, मोबाइल फोन और वारदात में उपयोग की गई बाइक को जब्त किया है।
पुलिस ने आरोपियों को ऐसे पकड़ा
टीआई ध्रुव ने कहा कि घटना को करीब एक महीने हो चुके थे मगर जांच के बाद भी आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं मिला था। उन्होंने चारों तरफ अपने मुखबिर लगा दिए थे। तभी इस बीच यह सूचना मिली कि कोसा नगर में एक परिवार रहता है। उनके घर पर घटना के दिन कुछ संदिग्ध लड़के आकर रुके थे। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने उस परिवार की तलाश शुरू की।
जब पुलिस ने परिवार से पूछताछ की तो इस दौरान परिवार के लोगों ने बताया कि थान खम्हरिया बेमेतरा से उसका भांजा संजय यादव और उसका साथी मनीष अंगिरा के साथ उनके घर आए हुए थे। इसके बाद पुलिस की एक टीम थान खम्हरिया गई और दोनों लड़कों के बारे में पतासाजी की। इसमें पता चला कि दोनों बाइक मैकेनिक हैं। दुर्ग भिलाई में उनका आना जाना लगा रहता है। इसके बाद पुलिस ने दोनो संदेहियों से कड़ी पूछताछ की तब जाकर उन्होंने घटना को अंजाम देना स्वीकार किया।
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