दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा करने के बाद मात्र एक लाख रुपए देने का मामला अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। मामले को लेकर पीड़ित परिवार दुर्ग सांसद विजय बघेल के पास गया। सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उत्तर प्रदेश में जाकर 50-50 लाख रुपए का मुआवजा देकर वहां साढ़े चार करोड़ रुपए बांट कर आ गए और अपने क्षेत्र की पीड़ित जनता को 10 लाख रुपए तक नहीं दे पा रहे हैं।
वहीं, सांसद बघेल ने दुर्ग जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष जवाहर वर्मा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि नंदौरी में सेवा सहकारी समिति की सोसायटी में गत 16 जून को वहां के चौकीदार हरिशंकर वर्मा की निर्मम हत्या कर दी गई। फिर जवाहर वर्मा ने मृतक की पत्नी को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की बात की थी।
पाटन के सैलूद गांव में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आयोजित किया गया। राज्य सरकार और जिला सहकारी बैंक की ओर से विज्ञापन जारी कर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात जनता तक पहुंचाई गई और इसके बाद कार्यक्रम में केवल एक लाख का चेक पकड़ा दिया गया।
जब मृतक हरिशंकर का बेटा प्रहलाद वर्मा अध्यक्ष जवाहर वर्मा के पास गया तो उससे कहा गया कि एक लाख देकर उसके ऊपर उन्होंने अहसान किया है। जवाहर वर्मा की पत्नी ने भी पीड़ित परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया। कांग्रेसी इतने घमंड में हैं कि वह पीड़ित परिवार के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं। आपके मन में मानवता है कि नहीं। सांसद ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री से मांग है कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। उन्होंने इस मामले राज्यपाल, कलेक्टर, सीईओ जिला सहकारी बैंक को भी पत्र लिखने की बात कही।
जानिए क्या है पूरा मामला
16 जून को नंदौरी के सेवा सहकारी समिति की सोसायटी में चौकीदार हरि शंकर वर्मा की हत्या कर दी गई थी। आरोपी समिति के लॉकर में रखे 8 लाख रुपए लूटकर ले गए थे। हरिशंकर की मौत के बाद उनका पूरा घर बिखर गया। उनका एक बेटा है। पत्नी बीमारी से ग्रसित रहती है। सरकार से परिवार ने मदद की गुहार लगाई थी। इस पर पीड़ित परिवार की पत्नी को मुआवजा दिलाने का आश्वासन जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष जवाहर वर्मा ने दिया था।
फिर इसके कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन अंतर्गत 20 सितंबर 2021 को सहकारिता सम्मेलन आयोजित किया गया। इसे लेकर पंपलेट्स पोस्टर बैनर के साथ ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग की सीईओ अपेक्षा व्यास की ओर से समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किए गए। इस विज्ञापन में भी बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गईं थी। इन्हीं घोषणाओं में से एक चौकीदार हरिशंकर पटेल की पत्नी रेखा वर्मा को 10 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा शामिल थी। लेकिन कार्यक्रम के दौरान पीड़ित परिवार को मात्र एक लाख रुपए का चेक प्रदान किया गया। इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने दुर्ग सांसद विजय बघेल से शिकायत की है।
प्रशासन की ने जारी किया चेक
जिला प्रशासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा इस मामले पर बयान जारी किया गया है। उसमें कहा गया है कि नंदोरी धान केंद्र में कार्यरत हरिशंकर वर्मा की ड्यूटी के दौरान हत्या हुई थी। इस मुश्किल घड़ी में परिवार को मदद करने के लिए जिला केंद्रीय सहकारी बैंक संचालक मंडल की बैठक में 1 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इस सहायता राशि की घोषणा मंच से, सहकारी बैंक के कार्यक्रम में हुई थी। एक लाख रुपए की सहायता राशि का चेक स्वर्गीय वर्मा की पत्नी रेखा वर्मा को दिया गया है। इस संबंध में वर्मा के परिजनों को राशि को लेकर कुछ परेशानी हुई है।
सारे फसाद की जड़ गलत विज्ञापन
सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के अध्यक्ष जवाहर वर्मा के मुताबिक, कलेक्टर दुर्ग के द्वारा सीएसआर मदद से शासन को एक लाख रुपए की मदद की स्वीकृति भेजी गई थी। सभी जगह एक लाख रुपए देने घोषणा भी हुई है। हमने समाचार पत्रों में जो विज्ञापन जारी किया उसमें भी एक लाख का जिक्र किया गया था। एक विज्ञापन में गलती से एक की जगह 10 लाख छप जाने से इतना बड़ा प्रोपोगंडा हुआ है।
वहीं, बात अगर पीड़ित से गलत व्यवहार की करें तो वह सुबह-सुबह मेरे घर शराब के नशे में आया था। मेरी पत्नी ने उसे कार्यालय समय में आकर मिलने के लिए बोला। लेकिन इसके बाद भी वह इसी मामले को लेकर आरोप प्रत्यारोप कर रहा था। इसमें उसे केवल वहां से जाने के लिए कहा गया। उसके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया।
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