Election Results 2021 पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे के लिए मतगणना शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में मतदान की गिनती शुरू हो गई है। मतगणना की इस पूरी प्रक्रिया में काफी लंबी जद्दोजहद होती है जिसे राज्य और केंद्र के अधिकारी, पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारी मिलकर अंजाम देते हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर मतगणना को कैसे की जाति है और इसे किन-किन प्रक्रियाओं से गुज़रना पड़ता है।
सीलबंद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को मतगणना केंद्र पर लाकर उन्हें स्ट्रॉन्ग रुम में रखा जाता है जिसकी सुरक्षा 24 घंटे चाक-चौबंद होती है। स्ट्रॉन्ग रूम तीन स्तर के सुरक्षा चक्र से घिरी होती है ताकि किसी तरह की कोई ऐसी गतिविधि न हो जिससे की EVM को कोई नुकसान पहुंचे।
ऐसे शुरू होती है गिनती की प्रक्रिया
* मतगणना के दिन सुबह 7 से 8 बजे तक मतगणना केंद्र के भीतर संबंधित कर्मचारियों और एजेंटों को प्रवेश दिया जाता है।
* मतगणना पर्यवेक्षक सबसे पहले EVM पर लगे सुरक्षा की जांच करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि मशीन से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।
* मतगणना की पूरी प्रक्रिया से जुड़े सुपरवाइज़र मतगणना एजेंट को बताते हैं कि कैसे EVM बटन दबाते हैं, जिसके बाद हर उम्मीदवार के मतों की संख्या दिख जाती है।
* जैसे चुनाव अधिकारी रिजल्ट बटन को दबाता है, हर उम्मीवार को पड़े वोट की संख्या आ जाती है।
* वोटों की गिनती कर रहा कर्मचारी हर उम्मीवार को पड़े वोट की संख्या लिखकर उसे रिटर्निंग ऑफिसर को भेज देता है।
* जैसे ही एक चरण के मतगणना की प्रक्रिया पूरी होती है। मतगणना से जुड़े कर्मचारी सारी जानकारी रिटर्निंग ऑफिसर को दे देते हैं जिसके बाद पहले चरण के नतीजों का ऐलान किया जाता है।
* इसके अलावा मतगणना स्थल पर लगे बोर्ड पर प्रत्येक राउंड के बाद वोटों की गिनती चस्पा की जाती है।
* वोटों के गिनती की यह प्रक्रिया चलती रहती है जब तक मतगणना पूरी नहीं हो जाती।
ये करते हैं मतगणना
सरकारी विभागों में कार्यरत केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारी वोटों की गिनती करते हैं। मतगणना से पूर्व इन कर्मचारियों को एक हफ्ते पहले प्रशिक्षण के लिए मतगणना केंद्र भेजा जाता है। इसके बाद सभी कर्मचारी संबंधित विधानसभा क्षेत्र में 24 घंटे के लिए भेज दिए जाते हैं।