छत्तीसगढ़

सवालों से घिरे स्कूल शिक्षा मंत्री, स्कूलों के लिए खरीदे गए 95% टेबलेट खराब, अब विधानसभा अध्यक्ष कराएंगे जांच

School Education Minister surrounded by questions: 
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र का आज छठवां दिन है। आज कांग्रेस विधायक ने स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम पर कुछ मुद्दों को लेकर सवाल किए। दरअसल, यह मुद्दा स्कूलों के लिए खरीदे गए टैबलेट के विषय में था।
बताया गया कि इन टैबलेट में से 95% खराब हैं। जब स्कूल शिक्षा मंत्री सवालों से घिर गए तो उन्होंने गड़बड़ी की बात स्वीकार कर ली। अब इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत द्वारा विधानसभा की समिति से जांच कराने की घोषणा की गई है।
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प्रश्नकाल के दौरान बस्तर से कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल द्वारा यह सवाल उठाया गया। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने उनके सवाल पर बताया कि बस्तर विधानसभा क्षेत्र के 643 स्कूलों में बायोमेट्रिक टैबलेट प्रदान किए गए थे। 2017 से 2022 तक इसमें 141 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। लेकिन इन स्कूलों में जो टैबलेट दिया गया है, उनमें से महज 7 का ही उपयोग किया जा रहा है। बाकी बचे 636 टैबलेट खराब हो चुके हैं।
इस सबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि तीन साल में खराब होने पर फ्री में रिपेयर की शर्त रखी गई थी, मगर ऐसा नही कराया जा सका। मंत्री ने बताया कि इसके टेंडर के लिए 2 कंपनियों ने भाग लिया था। उसमें से एक को आपूर्ति की जिम्मेदारी सौपी गई। इस पर विधायक लखेश्वर बघेल ने सवाल उठाए।
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उन्होंने कहा कि यह भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन है। जब यह नियम है कि ऐसी खरीदी निविदा में कम से कम तीन प्रतिभागी जरूरी हैं तो सिर्फ दो को बुलाकर खरीदी की प्रक्रिया कैसे पूरी की गई। लखेश्वर बघेल ने इस मामले में विधानसभा की समिति से जांच कराने की मांग की। फिर बाद में मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा, इसमें जांच कराने की परिस्थितियां तो हैं। इसपर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, यदि मंत्री जी की पांच परसेंट भी जांच की इच्छा है तो वे जांच की घोषणा कर सकते हैं।
चिरमिरी से कांग्रेस विधायक डॉ. विनय जायसवाल में कोरिया जिले के कई स्कूलों में अहाता नहीं होने पर सवाल उठाया। इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि अभी उसकी प्रक्रिया चल रही है। कब तक निर्माण पूरा हो जाएगा अभी यह बताना अभी संभव नहीं है।
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फिर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, यह तो आसान है। स्कूलों को कहें कि श्रमदान कर स्कूल के चारो ओर पेड़ लगाकर कांटेदार तार से घेर दें। स्थायी अहाता बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पैसा नहीं है।
कांग्रेस विधायक छन्नी साहू ने खुज्जी क्षेत्र में जर्जर भवनों में स्कूलों के संचालित होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने एक स्कूल की फोटो लहराते हुए कहा कि ऐसे स्कूलों में पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आगे कहा, प्राथमिकता के आधार पर जर्जर स्कूलों का निर्माण होना चाहिए।

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