छत्तीसगढ़

वाह रे! नवा छत्तीसगढ़: शराब के नशे में धुत मास्टर की बोल- किसी ने माई का ढूध पी रखा हो तो ट्रासंफर करवा के दिखाए

मुंगेली। छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल अब धीरे-धीरे स्तरहीन होते जा रहे हैं। स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक ही शिक्षा के सिस्टम में पलीता लगाते जा रहे हैं। मामला मुंगेली के लोरमी ब्लाक का है जहां एक मास्टर जी का ऐसा हाल है कि वो शराब पीकर स्कूल जाते हैं।

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उनका भौकाल ऐसा है कि वे दोपहर 3 बजे स्कूल जाते हैं। वहां जाकर हाजिरी लगाते हैं और वपस चले जाते हैं। एक बार जब सरपंच निरीक्षण के लिए स्कूल पहुंचे तो उनके सामने ही उन्हें यह धमकी दे डाली, कि किसी ने माई का दूध पिया हो तो वहां से उनका ट्रांसफर करवा कर दिखाए। बहरहाल, मामले की शिकायत शिक्षा विभाग के अफसरों से कर दी गई है।

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जानकारी के मुताबिक, मामला लाखासर गांव का है जहां के सरपंच हलधर सिंह वर्मा को यह शिकायत मिली थी कि उनके गांव के प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक कन्हैलाला पनागर अक्सर ही स्कूल से गायब रहते हैं। इस जानकारी की पुष्टि के लिए वे सोमवार को निरीक्षण के लिए स्कूल पहुंचे, किंतु दोपहर 1.30 बजे तक भी टीचर कन्हैयालाल नहीं आए थे। अगले दिन इस पर सरपंच, मंगलवार को फिर से स्कूल पहुंचे। वहां उन्हें पता चला कि हाजिरी रजिस्टर में टीचर के साइन थे। जब उन्होंने पूछताछ की तो पता चला कि दोपहर करीब 2 बजे मास्टर जी स्कूल आए थे और साइन कर वापस चले गए। इस पर, इस बार सरपंच मास्टर का इंतजार करने स्कूल में ही रुक गए।

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दोपहर में लड़खड़ाते हुए पहुंचे मास्टर, कहा- जो करना है, कर लो

स्कूल में दोपहर करीब 3 बजे नशे में धुत होकर टीचर कन्हैलाल पहुंच गए। स्टाफ रूम में सरपंच ने उनसे देर से व नशे में आने का कारण पूछा तो वे बोले कि जो करना है कर लो-‘वीडियो बना लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। किसी ने माई का दूध पीया है तो गांव लाखासर से उनका ट्रांसफर करवा कर दिखाए। जिससे शिकायत करनी हो, कर लें’।

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बच्चों ने बताया- सप्ताह में 2-3 दिन ही आते हैं, अंक कोई टाइम तय नहीं

जब सरपंच ने इस संबंध में स्कूल के बच्चों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि मास्टर जी सप्ताह में दो या तीन दिन ही स्कूल आते हैं और जिस दिन आते हैं, उस दिन भी उनका आने का कोई टाइम निर्धारित नहीं है। वे कभी दोपहर तो कभी शाम को स्कूल पहुंचते हैं। गांव के सरपंच हलधर सिंह वर्मा का कहना है कि शिक्षक कन्हैयालाल पनागर आए दिन स्कूल से गायब रहता है। वह जिस भी दिन स्कूल आता है, तो शराब के नशे में ही रहता है। मास्टर की शिकायत शिक्षा विभाग से की गई है। इस पर कार्रवाई करते हुए उनका यहां से ट्रांसफर भी कर दिया जाए।

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वेतन वृद्धि रोकने की भी कार्रवाई हो चुकी है

जानकारी के अनुसार, शिक्षक कन्हैयालाल पनागर का यह मनमाना रवैया कोई नई बात नहीं है। करीब डेढ़ साल पहले भी उनके स्कूल से गायब रहने की शिकायत की गई थी। जब जांच की गई तो उन्हें दोषी पाया गया। दोषी मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने शिक्षक कन्हैयालाल पनागर की एक महीने की वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की थी। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपना मनमाना रवैया नहीं बदला। किंतु अब तो वह शराब पीकर स्कूल पहुंचने लगे हैं। वे अपने स्टाफ को धमकी देते हैं। उनपर यह आरोप है कि वे जिस दिन स्कूल आते हैं, पूरे सप्ताह की हाजिरी लगाकर जाते हैं और कोई भी उन्हें रोक नहीं पाता है।

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जहां एक ओर सरकार सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर को सुधारने के अनेकों प्रयास कर रही है वहीं ऐसे शराबी शिक्षक के द्वारा प्रशासन की मनसा पर पानी फेरा जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन शिक्षकों के ऊपर किसका हाथ है, जिनके सानिध्य में ये बेखौफ होकर ऐसी दबंगई करते हैं।

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