विश्व की महाशक्ति अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले को आज 20 साल पूरे हो गए हैं। 2001 में America में हुए आतंकी हमले में 2996 लोगों की मौत हुई थी। यह आतंकी हमला दुनिया का सबसे बड़ा हमला था। 11 सितंबर का दिन America के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज है। दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार न्यूयॉर्क(New York) का वर्ल्ड ट्रेड सेंटर(World Trade centre) देखते ही देखते पलभर में जलकर खाक हो गया। इस घटना को अंजाम देने वाला वो शख्स था अलकायदा का खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन।
मरने वालों में 77 देशों के लोग
20 साल पहले खतरनाक आतंकी संगठन अलकायदा के आतंकियों ने चार पैसेंजर एयरक्राफ्ट को हाईजैक किए थे और उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर(World Trade centre) और न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स(twin towers) से टकरा दिया। इसमें न सिर्फ वहां काम करने वाले तीन हजार लोगों की मौत हो गई बल्कि विमान में सवार लोग भी बेमौत मारे गए। तीसरा विमान वाशिंगटन डीसी(Washington DC) के बाहर पेंटागन (Pentagon) और चौथा पेंसिलवेनिया के मैदान में जाकर गिरा। इस आतंकी हमले में मरने वालों में 77 देशों के लोग शामिल थे।
9/11 अमेरिका के इतिहास में सबसे काला दिन
America पर किए गए इस हमले में अलकायदा के 19 आतंकी शामिल थे। महाशक्ति पर हुए इस आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। उस वक्त तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 11 सितंबर की इस घटना को अमेरिकी इतिहास का ‘सबसे काला दिन‘ करार दिया था। हमला की भयावहता का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर(World Trade centre) से अलग-अलग तरह का करीब 18 लाख टन मलबा निकाला गया था और इसे हटाने में करीब 9 महीने लग गए थे।
इसके बाद अपने ऊपर हुए हमले का बदला लेने के लिए अमेरिका(America) ने न सिर्फ सद्दाम हुसैन को मार गिराया बल्कि अफगानिस्तान (Afghanistan) से तालिबान(Taliban) की सत्ता को उखाड़ फेंका और उसके बाद पाकिस्तान में छिपे खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) एक सीक्रेट ऑपरेशन के तहत मार गिराया।
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