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Budget 2023: भारत के वो वित्त मंत्री जिनको नहीं मिला एक भी बजट पेश करने का मौका, जानिए बजट से जुड़े चौंकाने वाले फेक्ट

द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होने के बाद पहली बार संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। वह चालू वर्ष के लिए सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगी। संसद का बजट सत्र का आज पहला दिन था। वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। बुधवार 1 फरवरी को वित्त मंत्री केंद्रीय बजट पेश करेंगी।

Budget 2023: यह तो लोग जानते ही हैं कि बजट (Budget 2023) भारत के वित्त मंत्री पेश करते हैं। इस बार का बजट (Budget 2023) निर्मल विवरण 1 फरवरी, 2023 को पेश किया जाएगा। निर्मलीकृत का यह चौथा बजट भाषण होगा, जबकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट (Budget 2023) होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के प्रत्येक वित्त मंत्री भाग्यशाली नहीं हैं, जिन्हें बजट (Budget 2023) पेश करने का मौका मिला हो।

क्षितिज चंद्र नियोगी भारत के दूसरे वित्त मंत्री और पहले वित्त आयोग के अध्यक्ष थे। उन शेंकमुखम शेट्टी की जगह लाए गए थे, लेकिन सिर्फ 35 दिन बाद ही उन्होंने इस पद से इस्तिफा दे दिया था। नियोगी को 1946 में भारत के संविधान सभा के सदस्य के रूप में भी चुना गया था। वह पंडित नेहरू के सबसे करीबी रिश्तेदार भी थे।

हेमवती नंदन बहुगुणा के बजट पेश नहीं करने का कारण भी उनका छोटा कार्यकाल रहा। बहुगुणा 1979 में इंद्रा सरकार के लिए विटेट मंत्री बने थे। उनका कार्यकाल साढ़े पांच महीने का था। इस वजह से उन्हें बजट पेश करने का मौका नहीं मिला। वे 1977 में केंद्रीय मंत्रिमण्डल में पेट्रोलियम, रसायन और मंत्री रहे थे और दो बार उत्तर प्रदेश में नौकरी पाने का मौका मिला।

नारायण दत्त भी वित्त मंत्री की लिस्ट में शामिल हैं, जो बजट (BudgetSessio 2023) नहीं पेश कर पाए थे। वे तीन बार यूपी के बने रहें। वे 1987-88 में वित्त मंत्री बने थे। बाकियों की तरह ये कार्यकाल छोटा नहीं था, फिर भी लोगों को मौका नहीं मिला, क्योंकि उस साल उनकी जगह तत्‍कालीन प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया था।

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