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छत्तीसगढ़ : चंद पैसों की लालच में पटवारी ने बेची सरकारी जमीन, फर्जी दस्तावेज तैयार कर किया फ्रॉड

गरियाबंद| मामला गरियाबंद जिले के छुरा थाना क्षेत्र का हैं, यहाँ एक पटवारी ने तहसील की ही जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया| पुलिस ने आरोपी पटवारी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं एक अन्य आरोपी की पहले मौत हो चुकी है।

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जानिए पूरा घटनाक्रम
प्रदीप पांडेय और भूपेंद्र सेन नामक शख्स ने साल 2014 में तहसील कार्यालय के पीछे राजापारा निवासी रमेशर व बिसेशर से खसरा नंबर 121 की 0.07 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। इस जमीन के लिए दोनों ने 60-60 हजार में सौदा किया था।

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निर्माण के दौरान जब ममला उजागर हुआ तो पुलिस ने जांच शुरू की| जांच में पता चला कि रमेशर और बिसेशर ने पटवारी नटेश्वर नायडू के साथ मिलकर इस पूरे मामले को अंजाम दिया है। सरकारी जमीन के फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार किए गए और फिर रमेशर व बिसेशर के नाम पर नामांतरण किया गया।

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पटवारी ने जारी की ऋण पुस्तिका
बता दें की आरोपी पटवारी ने उनके नाम पर ऋण पुस्तिका भी बनाकर दे दी। उसके बाद आरोपियों ने इस जमीन को प्रदीप पांडेय और भूपेन्द्र सेन को बेच दिया था। जांच में भूमिका सामने आने के बाद पुलिस ने पटवारी नटेश्वर नायडू और शहर के राजापारा निवासी रमेशर को गिरफ्तार कर लिया।

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वहीं एक अन्य आरोपी बिसेशर की पहले ही मौत हो चुकी है। दोनों आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। जिस जमीन के धोखाधड़ी का मामला है, उसकी कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है।

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