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महंगाई से राहत! गैस सिलेंडर से लेकर किसानों तक के लिए किए गए 4 बड़े ऐलान

काफी समय तक बढ़ती महंगाई के बीच अब आम जनता को बड़ी राहत मिली है। जी हाँ, अब सरकार ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। आप सभी को बता दें कि एलपीजी गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी कमी की गई है। अब गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपए कम कर दिए गए हैं और पेट्रोल पर 9.50 रुपए और डीजल पर 7 रुपए प्रति लीटर कम किए गए हैं।

बता दें कि बीते शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा, ‘इस साल हम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 200 रुपए प्रति गैस सिलेंडर (12 सिलेंडर तक) की सब्सिडी देंगे। इससे हमारी माताओं और बहनों को मदद मिलेगी। इससे सालाना लगभग 6100 करोड़ रुपए का राजस्व प्रभावित होगा।’

केंद्र सरकार ने शनिवार को पेट्रोल-डीजल पर भी उत्पाद शुल्क कम कर दिया है। वहीं इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर कम कर रहे हैं, इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपए प्रति लीटर कम होगी।

बीते गुरुवार (19 मई) को खबर आई थी कि एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान रसोई गैस पर 3.50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़े थे और कॉमर्शियल सिलेंडर पर 8 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़े थे। होने वाली इस बढ़ोतरी के बाद देश में सिलेंडर के दाम एक हजार रुपए के पार पहुंच गए थे। जी हाँ और बढ़ी कीमत के बाद दिल्ली में घरेलू सिलेंडर के दाम 1003 रुपए प्रति सिलेंडर और कोलकाता में 1029 रुपए प्रति सिलेंडर हो गए थे। हालांकि अब रेट में कटौती हुई है तो आम जनता को काफी राहत मिल सकती है।

वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि बजट में 1.05 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी के अलावा देश के किसानों को और सहायता के लिए अतिरिक्त 1.10 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसी के साथ सरकार ने प्लास्टिक प्रोडक्ट्स, आयरन, स्टील बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाई। इसे प्लास्टिक पैकेजिंग की लागत में कमी आएगी। इसके आलावा तैयार स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई है।

जी दरअसल वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कुछ मामलों में प्लास्टिक उत्पादों के लिए कच्चे माल और बिचौलियों पर सीमा शुल्क कम करेगी और इससे अंतिम उत्पादों की लागत में कमी आएगी। इसी के साथ सरकार लौह और इस्पात उद्योगों के लिए कच्चे माल और बिचौलियों पर सीमा शुल्क को फिर से कैलिब्रेट कर रही है ताकि उनकी कीमतें कम करने में मदद मिल सके। स्टील के निर्माण के लिए आवश्यक कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क कम किया जाएगा और कुछ इस्पात उत्पादों पर निर्यात शुल्क लगाया जाएगा।

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