उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में 11 साल के एक बच्चे ने राज्य के मानवाधिकार आयोग से अपनी मां की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। अपनी मां के बर्ताव से परेशान मासूम बालक ने राज्य मानवाधिकार आयोग से मदद की गुहार लगाई है। बच्चे ने अपनी ही मां के खिलाफ आयोग को चिट्ठी भेजी है। इसमें उसने कहा है कि उसकी मां उसके दादा-दादी को गालियां देती है। इसलिए मां को कहें कि वो हमारे घर न आएं। बच्चे ने कहा है कि उसे भी मां मानसिक रूप से प्रताड़ित करती है।
दरअसल उदयपुर के अरिहंत नगर निवासी पार्थ सारथी पुत्र सिद्धार्थ चौधरी ने मानवाधिकार आयोग से मदद की गुहार लगाई है। पार्थ ने आयोग को भेजे पत्र में लिखा है कि उसकी मां न सिर्फ उसे बल्कि दादी-दादा को भी प्रताड़ित करती है। वह अपने दादा चंद्र सिंह और दादी डॉक्टर ज्योति चौधरी के साथ रहता है। मां मोनिका गुप्ता उसके साथ नहीं रहती हैं।
बच्चे ने शिकायती ख़त में लिखा है, ”यह मेरे जीवन को प्रभावित कर रहा है मेरी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। वह (मां) अक्सर मेरी दादी के लिए ‘डायन’ जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल करती है। उसने यह भी बताया है कि उसे पिता और दादा-दादी ने पाला है और उसका अच्छा ध्यान रख रहे हैं। मेरा मां के कारण मेरी पढ़ाई भी खराब हो रही है। ऐसे में मेरी मां को पाबंद किया जाए कि वह हमारे घर पर न आए। साथ ही हमें प्रताड़ित करना बंद कर दे।
साथ ही बच्चे ने कहा है कि वह मां के साथ नहीं रहना चाहता है। उसने कहा, ”मेरी मां अक्सर मुझे कलंक और कबाड़ कहती है। उसका व्यवहार मेरी पढ़ाई और जिंदगी में बाधा डाल रहा है।” उसने यह भी कहा कि मां उसे गलत बातें सिखाती है। साथ ही कहा है कि दादी को धमकी भी देती है। पार्थ ने आगे लिखा कि मां ने घर का पूरा माहौल बिगाड़ रखा है। मेरा जीना दुर्भर कर रखा है।
इस मामले की शिकायत मिलते ही आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने फौरन कार्रवाई करते हुए उदयपुर एसपी को मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है।
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