छत्तीसगढ़

अब छत्तीसगढ़ में भी ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा, ब्रेन डेड मरीजों की किडनी और लिवर हो सकेंगे डोनेट 

Organ Transplant Facility: 
रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू, डायरिया, मंकी-पॉक्स, केडेवर ऑर्गन ट्रांसप्लांट(Organ Transplant Facility) कोविड-19 की वर्तमान स्थिति तथा कोरोना टीकाकरण के संबंध में संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा द्वारा आज 18 अगस्त को शाम 04:30 बजे गूगल मीट एप (Google Meet App) के माध्यम से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के पत्रकारों के साथ वर्चुअल प्रेस-कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।
इस वर्चुअल प्रेस-कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा, छत्तीसगढ़ में अभी कोरोना महामारी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। लोगों को अब भी सावधान रहने की जरूरत है। डायबिटीज़, थाइरोइड, लिवर पेशेंट और गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है। इसलिए ऐसे लोगों को तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। शासन की ओर से अस्पताल में मरीजों के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।
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आगे डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा, छत्तीसगढ़ में कोरोना के अन्य राज्यों से कम मामले हैं। अन्य राज्यों की तुलना में यहां की स्थिति बेहतर है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि टीकाकरण कराने में कोई भी व्यक्ति पीछे न हटें। अन्य लोगों को वैक्सिनेशन के लिए प्रेरित करें ताकि सभी स्वस्थ रह सकें। राज्य में बूस्टर डोज उपलब्ध है तो सभी लोग लगवा लें। वैक्सिनेशन के लिए बिलकुल भी लापरवाही न करें।
इसके बाद उन्होंने राज्य में स्वाइन फ्लू की बीमारी को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा, स्वाइन फ्लू एक तरह का मौसमी बुखार है। छत्तीसगढ़ में अब तक स्वाइन फ्लू के 85 मामले सामने आए हैं जिनमें से 57 मामले अभी एक्टिव हैं। वहीं, 28 लोग अस्पताल से डिसचार्ज हो गए हैं।
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इसके उपरांत डॉ. सुभाष मिश्रा ने प्रदेश में डायरिया की स्थिति को लेकर बात की। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ के कुछ जगहों जैसे दुर्ग और धौराभाटा के लोगों में यह बीमारी पाई गई है। देवभोग के एक मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि यहां एक व्यक्ति की मौत बिना दस्त के इंफेक्शन की वजह से हुई।
आगे उन्होंने कहा, यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है लेकिन रोगी को समय से उपचार कराने की आवश्यकता होती है। ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ के मरीजों को सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। इस दौरान लोगों को पानी उबालकर पीना चाहिए और खाना बनाने का पानी साफ है या नहीं यह अवश्य सुनिश्चित कर लेना चाहिए। इस दौरान रोगी इलेक्ट्रोल पाउडर या ORS घोल का प्रयोग करें। अन्यथा पानी में नमक शक्कर और नींबू डालकर इसका सेवन करें।
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डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर और बस्तर जिले के 5 मरीजों में मंकी पॉक्स की संभावना थी जो कि अब निगेटिव आई है। बस्तर में डेंगू के केस बढे हैं। ऐसा साफ सफ़ाई की कमी की वजह से होता है। सामान्य डेंगू 5-7 दिनों में ठीक हो जाता है। मगर इस दौरान सावधान रहने की आवश्यकता होती है। इसलिए सप्ताह में एक दिन ड्राई डे मनाई जाएगी। अर्थात् सप्ताह में एक दिन घर के बर्तनों को साफ करके, माँज के पानी भरेंगे। मच्छरों को कंट्रोल करने के लिए यह एक आवश्यक और कारगर तरीका है।
फिर उन्होंने कहा कि मास्क एक बहुत ही उपयोगी वस्तु है। यह लोगों को ब्लैक फंगस, मंकी पॉक्स, टीबी, अस्थमा, और वातावरण के प्रदूषण से बचाता है। इसलिए इसका प्रयोग करें।
डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि अब छत्तीसगढ़ में नेत्रदान के अलावा ऑर्गन ट्रांसप्लांट(Organ Transplant Facility) की भी सुविधा होगी। इसके लिए आज से ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू कर दी गई है। ब्रेन डेड लोगों का उनके परिजनों और रिश्तेदारों की सहमति से किडनी और लिवर डोनेट किया जाएगा। इसके लिए लोग अस्पताल या छत्तीसगढ़ शासन के नंबर 104 में फोन करके पंजीयन करा सकते हैं।

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