छत्तीसगढ़

मोदी के 7 साल पूरे, केंद्र की नीतियों के खिलाफ 26 मई को पूरे प्रदेश में काला दिवस मनाएंगे किसान समर्थक संगठन… घरों और दुकान में काला झण्डा लगाने की अपील

रायपुर। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 40 किसान संगठन का विरोध प्रदर्शन पिछले 6 महीने से जारी है।वहीं विरोध प्रदर्शन के 6 महीने पूरे होने पर किसान नेताओं ने 26 मई को काला दिवस मनाने का फैसला किया है।

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कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर किसान नेताओं ने डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि 26 मई को सभी अपने घरों, वाहनों, दुकानों पर काला झंडा लगायें।

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछेल 6 महीने से 40 किसान संगठनों ने दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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सरकार कृषि कानूनों में संसोधान के लिए भी तैयार है, लेकिन किसान संगठन कानून रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम, आलोक शुक्ला, संजय पराते, नंद कश्यप आदि ने बताया कि इस दिन मोदी सरकार की कथित मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करते हुए ग्रामीण जन अपने घरों व वाहनों में काले झंडे लगाएंगे तथा सरकार का पुतला दहन करेंगे।

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पूरे राज्य में छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े 20 से ज्यादा संगठन इस आंदोलन में शामिल होंगे। किसान आंदोलन ने समाज के सभी तबकों, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से इस आंदोलन का समर्थन करने की अपील की है।

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गौरतलब है कि 26 मई को दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के तथा पिछले वर्ष आयोजित देशव्यापी मजदूर हड़ताल के 6 महीने पूरे होने जा रहे हैं।

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साथ ही इस दिन ही भाजपा की मोदी सरकार के 7 साल भी पूरे होने जा रहे हैं। इसलिए यह दिन प्रदर्शन के लिए चुना गया है।

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